भारतराजनीति

कांग्रेस ने थरूर का नाम तक नहीं भेजा, मोदी ने जताया भरोसा; विदेशों में खोलेंगे पाकिस्तान की पोल

भारत ने आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान की पोल खोलने की तैयारी कर ली है। केंद्र सरकार ने पक्ष और विपक्ष के करीब 40 सांसदों के एक समूह को ऑपरेशन सिंदूर पर भारत का पक्ष रखने के लिए विदेश भेजने की तैयारी कर ली है। इसके लिए सरकार ने सात समूहों का निर्माण करने का फैसला लिया है। इन समूहों के नेतृत्वकर्ताओं में सबसे पहला नाम कांग्रेस सांसद शशि थरूर का है। हालांकि कांग्रेस की तरफ से थरूर का नाम नहीं दिया गया बल्कि केंद्र सरकार ने स्वयं ही उन्हें एक दल का नेतृत्व करने के लिए चुना है।

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विदेशों में पाकिस्तान की पोल खोलने के लिए बनाई जा रही इन समितियों में शामिल करने के लिए केंद्र सरकार ने तमाम पार्टियों से कुछ सांसदों के नाम भेजने के लिए कहा था। कांग्रेस की तरफ से जिन सांसदों की लिस्ट सार्वजनिक की गई उस लिस्ट में सांसद थरूर का नाम शामिल नहीं था। कांग्रेस की तरफ से वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने पार्टी की तरफ से दिए गए चार सांसदों की लिस्ट को सार्वजनिक किया। इस लिस्ट में आनंद शर्मा, गौरव गोगोई, सैयद नसीर हुसैन और राजा बरार शामिल थे। हालांकि कुछ ही देर में थरूर ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर पोस्ट करते हुए डेलीगेशन का नेतृत्व देने के लिए केंद्र सरकार को धन्यवाद दिया।
थरूर ने क्या कहा

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने अपने पोस्ट में लिखा,”मैं हाल की घटनाओं पर हमारे देश का नजरिया रखने के पांच प्रमुख देशों की राजधानी में भेजे जा रहे सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के नेतृत्व के लिए भारत सरकार के भरोसे के कारण सम्मानित महसूस कर रहा हूं। जब भी राष्ट्रीय हित के लिए मेरी सेवाओं की आवश्यकता हो, तो मैं पीछे नहीं रहूंगा।”

केंद्र सरकार की तरफ से इस प्रतिनिधिमंडल में सात टीमों का गठन किया गया है। थरूर एक टीम का नेतृत्व संभालेंगे। वहीं और टीमों का नेतृत्व क्रमशः भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद, जेडीयू नेता संजय कुमार झा, बीजेपी नेता बैजयंत पांडा, डीएमके नेत्री कनिमोझी करुणानिधि, एनसीपी शरद गुट की नेत्री सुप्रिया सुले और शिवसेना शिंदे गुट के नेता श्रीकांत एकनाथ शिंदे करेंगे।

केंद्रीय मंत्री किरेण रिजिजू ने इस मुद्दे को लेकर सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया। उन्होंने लिखा, “महत्वपूर्ण समय में भारत एकजुट है। सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल जल्द ही हमारे प्रमुख साझेदार देशों का दौरा करेंगे। यह समूह दुनिया के सामने भारत की जीरो टॉलरेंस की नीति को रखेंगे। राजनीति और मतभेदों से परे राष्ट्रीय एकता का यह एक शक्ति शाली प्रतिबिंब है।”

आपको बता दें कि पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद शशि थरूर केंद्र सरकार के फैसलों की तरफ झुकते नजर आए थे। ज्यादातर जगहों पर उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी और केंद्र सरकार के फैसलों के एकदम सही ठहराया। सीजफायर के मुद्दे पर जब कई भाजपा के समर्थक और कांग्रेस पार्टी लगातार सवाल उठा रही थी तो उस वक्त भी शशि थरूर ने सरकार के इस फैसले को सही बताया था।

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