छत्तीसगढ़

अदाणी फाउंडेशन के समर कैंप में बच्चों की रचनात्मकता और आत्मविश्वास को मिला नया आयाम

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शिक्षा से परे, बच्चों के सर्वांगीण विकास की दिशा में एक प्रेरक पहल
12 गांवों के 250 बच्चों ने समर कैंप में की उत्साहपूर्वक भागीदारी
क्राफ्ट, लोकनृत्य, रंगोली, फैंसी ड्रेस जैसी गतिविधियों से निखरी बच्चों की रचनात्मकता और आत्मविश्वास

रायपुर, 10 जून, 2025 जिले के तिल्दा ब्लॉक में अदाणी फाउंडेशन द्वारा ग्राम ताराशिव में आयोजित सात दिवसीय समर कैंप का समापन मंगलवार हो गया। अदाणी पॉवर लिमिटेड रायपुर के सामाजिक सरोकारों के तहत 27 मई से 3 जून के बीच आयोजित दूसरे चरण के समर कैम्प में तिल्दा ब्लॉक के विभिन्न गांवों के स्कूलों के लगभग 250 विद्यार्थी शामिल हुए। इस दौरान बच्चों ने क्राफ्ट पेपर से फूल, गुलदस्ता, गमला बनाना, प्लास्टिक बॉटल आर्ट, रंगोली, टी कप क्राफ्ट, पज़ल सॉल्विंग, मैथ्स गेम्स, डांस, फैंसी ड्रेस, रस्साकसी, रस्सी दौड़ तथा टिफिन पार्टी जैसी सहभागिता बढ़ाने वाली गतिविधियों में उत्साहपूर्वक भाग लिया। साथ ही, बच्चों ने पारंपरिक छत्तीसगढ़ी लोकनृत्य प्रस्तुत कर अपनी सांस्कृतिक पहचान को सशक्त रूप में प्रदर्शित किया।उन्होंने विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से न सिर्फ नए कौशल सीखे, बल्कि आत्मविश्वास और सहयोग की भावना को भी गहराई से महसूस किया।

अदाणी फाउंडेशन की चेयरपर्सन डॉ. प्रीति अदाणी ने अपने संदेश में कहा, “हर बच्चे के भीतर एक सपना पलता है, जरूरत है उस सपने को दिशा देने की। ऐसे शिविर बच्चों को अपने सपनों को आकार देने का अवसर देते हैं, जो उन्हें आत्मनिर्भर भविष्य की ओर ले जाते हैं।”

कैम्प के समापन समारोह में ग्राम चिचोली की सरपंच श्रीमती रामप्यारी ध्रुव, अदाणी फाउंडेशन के ज़ोनल हेड श्री गोपाल देवरा, कम्युनिकेशन हेड वैदेही चोकसी मौजूद रहीं। इस अवसर पर उपस्थित दर्शकों ने बच्चों की प्रस्तुतियों को सराहा और उनकी प्रतिभा की प्रशंसा की। बच्चों की बनाई गई कलाकृतियों की प्रदर्शनी भी आयोजन स्थल पर लगाई गई, जिसने सभी को प्रभावित किया।

ग्राम चिचोली की सरपंच श्रीमती रामप्यारी ध्रुव ने कार्यक्रम में भाग लेकर बच्चों को प्रोत्साहित किया और फाउंडेशन के इस प्रयास को ग्रामीण शिक्षा के क्षेत्र में एक नई रोशनी बताया।

कार्यक्रम के अंत में श्री गोपाल देवरा ने समर कैंप में बच्चों से सीधे संवाद करते हुए उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया, उन्होंने कहा कि “बच्चों के व्यक्तित्व निर्माण की नींव इस प्रकार की गतिविधियों में ही रखी जाती है। अदाणी फाउंडेशन यह मानता है कि शिक्षा सिर्फ किताबों तक सीमित नहीं, बल्कि यह बच्चों को सोचने, महसूस करने और रचने की स्वतंत्रता देने का माध्यम भी है।”

अदाणी फाउंडेशन रायखेड़ा सहित आसपास के गावों में इस तरह का आयोजन बच्चों की प्रतिभा को पहचान देने और ग्रामीण समुदायों में शिक्षा, सहयोग और समरसता के संदेश को फैलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ। वहीं इसके द्वारा सामाजिक सरोकार के तहत शिक्षा स्वास्थ्य, आजीविका संवर्धन और ढांचागत विकास के कई कार्यक्रम संचालित कर रहा है।

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