छत्तीसगढ़

प्रदेश में बिना परमिट ही दौड़ा रहे 1143 वाहन, अब भेजा गया नोटिस

रायपुर ।  छत्तीसगढ़ की सड़कों पर इस समय हजारों ऐसी यात्री बसें दौड़ रही हैं, जिनका परमिट साल-दो साल या बरसों पहले खत्म हो गया है। परिवहन विभाग ने इस तरह बिना वैध परमिट चल रही 1 हजार 114 बसों के संचालकों, मालिकों को नोटिस जारी किया है। इन गाड़ी वालों के खिलाफ अब कार्रवाई होगी। या तो इन्हें नवीनीकरण कराना होगा या परमिट रद्द किया जाएगा। इस पूरे मामले को लेकर सवाल ये भी है कि परिवहन विभाग की जांच चौकियां (नाके) और उड़न दस्तें क्यों इन वाहनों को बेजा तरीके से चलने से रोक नहीं पाए हैं।

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पांच साल में नवीनीकरण का है नियम

मोटरयान अधिनियम की धारा 87 के अधीन जारी अस्थायी परमिट या धारा 88 की उपधारा (8) के अधीन जारी विशेष परमिट से भिन्न कोई परमिट उसके जारी होने या नवीनीकरण की तारीख से पांच वर्ष की अवधि के लिए प्रभावी होगा। इसका मतलब ये है कि परमिट पांच वर्ष के लिए होगा, उसके बाद नवीनीकरण कराना होगा। नियम में साफ है कि परमिट की समाप्ति की तारीख से कम से कम पंद्रह दिन पूर्व आवेदन करने पर उसका नवीनीकरण किया जा सकेगा।

सरकार को राजस्व की क्षति

 परिवहन विभाग राज्य के लिए राजस्व जुटाने वाला एक अत्यंत महत्वूर्ण अमला है, लेकिन परमिट खत्म होने के बाद भी गाड़ियों के संचालन से विभाग को राजस्व की क्षति हो रही है। हर नवीनीकरण के लिए उतनी ही राशि लगती है, जितनी परमिट जारी करने के लिए लगती है। इस हिसाब से राज्य शासन को इससे करोड़ो रुपयों की इस हिसाब से राज्य शासन को इससे करोड़ो रुपयों की क्षति का अनुमान है।

ये है मामला

इस संबंध में परिवहन विभाग ने संबंधित बस संचालकों को नोटिस जारी किया है। दरअसल इन वाहनों के मालिकों को नियमानुसार मोटरयान अधिनियम 1988 1 धारा 81 में विहित प्रावधानों के तहत परमिट का नवीनीकरण कराना था। लेकिन इस एक्ट का उल्लंघन करने के आरोप में नोटिस दिया गया है। यही नहीं विभाग ने सभी वाहनों के नंबर, मालिकों या ट्रांसपोर्ट के नाम के साथ एक नोटिस के साथ सूची भी जारी कर दी है।

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