एग्रीकल्चर लीडरशिप अवार्ड से 2025 से सम्मानित हुए डॉ. राजाराम त्रिपाठी

रायपुर | 9 जुलाई 2025उत्तर प्रदेश सरकार तथा उड़ीसा, बिहार, हरियाणा और गोवा राज्य सरकारों की विशिष्ट सहभागिता में दिल्ली में 16वां एग्रीकल्चर लीडरशिप कान्क्लेव 2025 भारतीय कृषि नीति, नवाचार और नेतृत्व का एक ऐतिहासिक मंच बनकर उभरा। जहां एग्रीकल्चर लीडरशिप अवार्ड 2025 पुरस्कार का वितरण माननीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल, हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, उड़ीसा के उपमुख्यमंत्री कनकवर्धन सिंह देव, उत्तर प्रदेश के पशुपालन मंत्री धर्मपाल सिंह, पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति पी. सतशिवम, और डॉ. एम.जे. खान चेयरमैन एटीजी ग्रुप की गरिमामयी उपस्थिति में किया गया। कान्क्लेव के अंतर्गत आयोजित सत्र “कृषि तथा उद्योगों की सहभागिता एवं लाभदायक कृषि “पर राष्ट्रीय स्तर के विशेषज्ञों ने विचार विमर्श किया। सत्र की अध्यक्षता देश के सर्वाधिक शिक्षित किसान, प्रसिद्ध पर्यावरण विधि विशेषज्ञ डॉ. राजाराम त्रिपाठी ने की। इस सत्र में कृषि, उद्योग और नीति-निर्माण से जुड़े देश के अग्रणी विशेषज्ञों ने भाग लिया।श्री पाशा पटेल, महाराष्ट्र किसान आयोग के अध्यक्ष ने मांस रोपण और सरकारी नीतियों की व्याख्या की। श्री युद्धवीर सिंह, महासचिव, भारतीय किसान यूनियन ने रासायनिक खादों के दुष्प्रभाव और जैविक कृषि की अनिवार्यता पर प्रकाश डाला। पद्मश्री कंवल सिंह चौहान ने खेती में नवाचार और उद्यमिता को ग्रामीणअर्थव्यवस्था की रीढ़ बताया। बी.के. लाभ, उपाध्यक्ष, जैन इरिगेशन सिस्टम्स लिमिटेड ने सिंचाई नवाचारों की भूमिका पर चर्चा की। डॉ. वाई.एस. सेहरावत, निदेशक, आईएफडीसी तथा डॉ. प्रफुल गाडगे, सीईओ ने उर्वरक दक्षता और टिकाऊ कृषि प्रथाओं की आवश्यकता पर बल दिया। वैश्विक मंच को कोंडागांव मॉडल का देखने का आमंत्रण देते हुए सभी विशेषज्ञों के विचारों मुख्य बिंदुओं को सम्मिलित करते हुए समापन भाषण में डॉ. त्रिपाठी ने कहा कि किसानों और उद्योगों को एक-दूसरे का पूरक बनना होगा, ताकि लाभ का न्यायसंगत वितरण संभव हो सके। उन्होंने बस्तर में विकसित नई काली मिर्च किस्म का उल्लेख किया, जो पारंपरिक किस्मों की तुलना में चार गुना अधिक उत्पादन देती है।उन्होंने मंच से सभी विशेषज्ञों को कोंडागांव में स्थापित नेचुरल ग्रीनहाउस माडल को प्रत्यक्ष देखने के लिए आमंत्रित किया, जिसमें ऑस्ट्रेलियन टीक, काली मिर्च और वन औषधीय पौधों की अंतर्विवर्ती जैविक खेती को अत्यंत वैज्ञानिक पद्धति से अपनाया गया है। डां.त्रिपाठी ऑल इंडिया फार्मर्स अलायंस के राष्ट्रीय संयोजक भी हैं। जिन्होंने छत्तीसगढ़ के बस्तर अंचल स्थित “कला ग्राम कोंडागांव” में प्राकृतिक संसाधनों और परंपरागत ज्ञान को वैज्ञानिक पद्धति से समन्वित करते हुए नैचुरल ग्रीन हाउस का सफल माडल विकसित किया है। यह मॉडल अब राष्ट्रीय स्तर पर एक प्रेरणा स्रोत बन चुका है।डॉ. त्रिपाठी ने मंच से यह भी साझा किया कि यह मॉडल हरियाणा और राजस्थान में भी सफलतापूर्वक लागू किया जा चुका है। जहाँ भारतीय किसान महासंघ के महासचिव श्री युद्धवीर सिंह के नेतृत्व में बड़ी संख्या में किसान इसे अपना रहे हैं।कार्यक्रम में एग्रीकल्चर लीडरशिप अवार्ड से 2025 देश की कृषि नीति, नवाचार और नेतृत्व से जुड़ी प्रतिष्ठित हस्तियों को सम्मानित किया गया। इस भव्य आयोजन के सफल क्रियान्वयन में संयोजक श्री हेरिश खान, रजनी शालीन चोपड़ा और उनकी टीम की अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका रही। इस अंतरराष्ट्रीय कांक्लेव में देशभर के कृषि, उद्योग और नीति-निर्माण से जुड़े वरिष्ठ गणमान्य जन उपस्थित रहे।


