छत्तीसगढ़

हरेली तिहार के अवसर पर अंबुजा सीमेंट्स द्वारा ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान

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कुल 70,000 विविध प्रजातियों के पौधों का रोपण की शुरुआत

भाटापारा, 25 जुलाई, 2025: अदाणी समूह के अंबुजा सीमेंट्स लिमिटेड, रवान इकाई ने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक प्रेरणादायक पहल करते हुए ‘हरेली तिहार’ के शुभ अवसर पर वृहत वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया। यह कार्यक्रम मल्दी-मोपर चूना पत्थर खदान परिसर में राष्ट्रीय अभियान ‘एक पेड़ माँ के नाम’ के अंतर्गत संपन्न हुआ।

कार्यक्रम में बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के जिला वन अधिकारी श्री गनवीर धम्माशिल मुख्य अतिथि के रूप में रहे। उनका स्वागत अंबुजा सीमेंट्स, रवान इकाई के यूनिट हेड द्वारा पुष्पगुच्छ भेंट कर किया गया। आयोजन में आसपास के ग्राम पंचायतों के सरपंच, जनप्रतिनिधि, ग्रामीण नागरिकों सहित अंबुजा सीमेंट्स के अधिकारी एवं कर्मचारी भी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे और सामूहिक रूप से वृक्षारोपण कर पर्यावरण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता प्रकट की।

अंबुजा सीमेंट्स, रवान के खदान प्रमुख ने संबोधन में कंपनी द्वारा पर्यावरण सरंक्षण हेतु किए जा रहे कार्यों की जानकारी साझा करते हुए बताया कि वर्ष 2025-26 में कुल 70,000 पौधों का रोपण किया जाएगा, जिसमें विविध प्रजातियों को सम्मिलित किया गया है।

कार्यक्रम में उपस्थित मुख्य अतिथि जिला वन अधिकारी, श्री गनवीर धम्माशिल ने अपने संबोधन में कंपनी के द्वारा किए जा रहे वृहत वृक्षारोपण की सराहना करते हुए कहा, “वातावरण की रक्षा किसी एक संस्था की नहीं, अपितु हर नागरिक की जिम्मेदारी है। हर व्यक्ति यदि एक पेड़ लगाए और उसकी देखभाल करे, तो आने वाली पीढ़ियों को स्वच्छ व स्वस्थ भविष्य मिल सकता है।” उन्होंने ग्रामीणों से ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान से जुड़ने और सक्रिय भागीदारी निभाने की अपील भी की।

कार्यक्रम में कंपनी के पर्यावरण अधिकारी ने सभी अतिथियों, कर्मचारियों और ग्रामीणों का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए विशेष रूप से मुख्य अतिथि का आभार व्यक्त किया कि उन्होंने अपने बहुमूल्य समय से उपस्थित होकर जनसमूह को पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया और अभियान को प्रोत्साहन प्रदान किया।

छत्तीसगढ़ में अदाणी फाउंडेशन के माध्यम से शिक्षा, स्वास्थ्य, सतत आजीविका, और सामुदायिक विकास जैसे अनेक क्षेत्रों में सतत रूप से कार्य किया जा रहा है। अदाणी समूह का प्रयास है कि सामाजिक उपक्रमों से न केवल स्थानीय समुदायों का सशक्तिकरण हो, बल्कि एक समावेशी और समृद्ध भारत की नींव भी मजबूत हो।

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