‘नरक जैसी जगह में रहा है आकाश दीप, लोग वहां मर जाते’, पूर्व कोच अरुण लाल ने बताई संघर्ष की कहानी

नई दिल्ली. आकाश दीप। एजबेस्टन टेस्ट में भारत की ऐतिहासिक जीत का अहम किरदार। तेज गेंदबाज जिसने अपनी गेंदों की धुन पर अंग्रेज बल्लेबाजों को नचाया। दोनों पारी में 10 विकेट झटके। एजबेस्टन टेस्ट के बाद 28 साल के आकाश दीप स्टार बन चुके हैं। लेकिन बिहार के इस लड़के ने क्रिकेट के आसमान पर चमकने से पहले कितना संघर्ष किया है, यह बात बहुत कम लोग जानते हैं। उनके पूर्व कोच अरुण लाल ने आकाश दीप के संघर्ष की कहानी बताई है। कैसे वह कभी नरक जैसी जगह में रहते थे, जहां लोग मर जाएंगे लेकिन उन्होंने कभी कोई शिकायत नहीं की।



आज वह स्टार हैं। इंग्लैंड के खिलाफ लीड्स टेस्ट में उन्हें मौका नहीं मिला था। दूसरे टेस्ट में जसप्रीत बुमराह के नहीं खेलने की वजह से उन्हें प्लेइंग इलेवन में जगह मिली और उन्होंने इस मौके को ऐसे लपका कि इतिहास की रच दिया। उन्होंने एजबेस्टन टेस्ट में 187 रन देकर 10 विकेट लिए जो इंग्लैंड में किसी भी भारतीय गेंदबाज का अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। इंग्लैंड के खिलाफ लॉर्ड्स में खेले जाने वाले तीसरे टेस्ट में अब उनकी जगह पक्की है।
आकाश दीप बिहार के सासाराम के रहने वाले हैं लेकिन वह रणजी ट्रॉफी में पश्चिम बंगाल की तरफ से खेलते हैं। बंगाल के पूर्व कोच अरुण लाल ने आकाश के संघर्ष के दिनों को याद करते हुए कहा है कि कैसे वह नरक जैसी जगह में रहा करते थे लेकिन उसे लेकर कभी कोई शिकवा-शिकायत नहीं की।
स्पोर्ट्स नाउ के साथ बातचीत में अरुण लाल ने कहा, ‘वह कैब (क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बंगाल) की डॉरमिटरी में रहा करते थे जो नरक जैसी थी। अब मैं निश्चित हूं कि अब वह बेहतर है लेकिन उसने कभी भी, एक बार भी नहीं कहा कि उसे किसी तरह की कोई समस्या है। 3-4 वर्षों में मैंने एक बार भी उससे कोई शिकायत नहीं सुनी।’
अरुण लाल ने बताया कि कैसे वह एक बार आकाश दीप की डॉरमिटरी में चले गए थे तो उन्हें वहां के भयावह हालात का अंदाजा हुआ। लाल ने कहा, ‘मैं जब वहां पहुंचा और डॉरमिटरी को देखा तो डर गया। वह असहनीय था। वह नरक जैसी थी। मुझे लगा कि लोग तो यहां बीमारी से मर जाएंगे।’
अरुण लाल शुरुआत से ही आकाश दीप के टैलेंट से बहुत प्रभावित रहे हैं। उन्होंने कहा कि उसके पास गति है, स्टेमिना है, ताकत है और सबसे बड़ी बात यह है कि वह कभी भी किसी चीज के बारे में शिकायत नहीं करता।