केंद्रीय कर्मचारियों के लिए आया बड़ा अपडेट, अब रिटायरमेंट और डेथ ग्रैच्युटी पर मिलेगा ये फायदा

नई दिल्ली : भारत में पेंशन सिस्टम में बड़े बदलाव हुए हैं। हाल ही में ये जानकारी मिली है कि यूनिफाइड पेंशन स्कीम यानी यूपीएस में शामिल सभी केंद्रीय कर्मचारी अब पुरानी पेंशन स्कीम यानी ओपीएस के अंतर्गत मिलने वाले रिटायरमेंट और डेथ ग्रैच्युटी का फायदा लेने के योग्य होंगे। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह के द्वारा बुधवार को ये जानकारी दी गई है।



सरकारी कर्मचारियों के एक बड़े तबके की इस काफी समय से लंबित डिमांड के संदर्भ में कार्मिक राज्यमंत्री सिंह ने कहा कि यह कदम सरकारी कर्मचारियों की एक अहम डिमांड को संबोधित करता है और रिटायरमेंट फेसिलिटी में समानता लेकर आता है। उन्होंने कहा कि नया प्रावधान राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली यानी एनपीएस के अंतर्गत सभी कैटेगरी के कर्मचारियों के लिए सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने की सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
सिंह ने कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के पिछले 11 सालों के सफर पर आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि शासन को सरल बनाने, नागरिकों को मजबूत बनाने और प्रशासन को मानवीय बनाने के उद्देश्य से कई सुधार किए गए हैं। उन्होंने कहा कि यूपीएस के अंतर्गत आने वाले केंद्र सरकार के कर्मचारी अब केंद्रीय सिविल सेवा यानी एनपीएस के अंतर्गत ग्रैच्युटी का भुगतान नियम, 2021 के प्रावधानों के अनुरूप सेवानिवृत्ति और मृत्यु ग्रैच्युटी लाभ के लिए पात्र होंगे।
कार्मिक मंत्रालय के पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग यानी डीओपीपीडब्ल्यू ने बुधवार को यूपीएस के अंतर्गत आने वाले केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए सेवा के दौरान सरकारी कर्मचारी की मृत्यु या अक्षमता या विकलांगता के कारण सरकारी सेवा से उनकी बर्खास्तगी पर ओपीएस के अंतर्गत फायदा मिलने के ऑप्शन पर एक आदेश जारी किया।
डीओपीपीडब्ल्यू के सचिव वी श्रीनिवास ने पीटीआई-भाषा से कहा है कि ये ऑर्डर किसी कर्मचारी को यह चुनने का ऑप्शन देता है कि सर्विस पीरियड में ही उसकी मृत्यु हो जाती है, तो उसे फिर से ओपीएस के दायरे में ले लिया जाए। यह प्रकृति में प्रगतिशील है और कर्मचारियों द्वारा मांगे जा रहे स्पष्टीकरणों को संबोधित करता है।
अखिल भारतीय एनपीएस कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष मंजीत सिंह पटेल ने इस सरकारी आदेश का स्वागत करते हुए इसे सरकार का ऐतिहासिक और बेहद जरूरी कदम बताया। पटेल ने कहा कि यूपीएस में मृत्यु-सह-सेवानिवृत्ति ग्रैच्युटी को शामिल करने से कर्मचारियों की सभी गलतफहमियां दूर हो जाएंगी। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में अब बहुत सारे कर्मचारी यूपीएस का विकल्प चुनेंगे।
डीओपीपीडब्ल्यू ने एनपीएस के तहत आने वाले केंद्र सरकार के कर्मचारियों के सेवा-संबंधी मामलों के नियमन के लिए केंद्रीय सिविल सेवा यानी एनपीएस कार्यान्वयन नियम, 2021 को अधिसूचित किया था। इसके नियम 10 में एनपीएस में शामिल कर्मचारी को सेवा के दौरान मृत्यु या अमान्यता या विकलांगता के आधार पर सेवामुक्ति की स्थिति में एनपीएस या ओपीएस के तहत लाभ पाने के लिए विकल्प का प्रयोग करने का प्रावधान है।
वित्त मंत्रालय ने 24 जनवरी को जारी अधिसूचना में कहा था कि 1 अप्रैल, 2025 से केंद्र सरकार की सिविल सेवा में भर्ती होने वाले कर्मचारियों के लिए एनपीएस के तहत एक विकल्प के रूप में यूपीएस की शुरुआत होगी।
डीओपीपीडब्ल्यू ने बुधवार को एक और आदेश जारी कर स्पष्ट किया कि यूपीएस के तहत आने वाले केंद्र सरकार के कर्मचारी भी केंद्रीय सिविल सेवा यानी राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के तहत ग्रैच्युटी का भुगतान नियम, 2021 के प्रावधानों के तहत सेवानिवृत्ति ग्रैच्युटी और मृत्यु ग्रैच्युटी के लाभ के लिए पात्र होंगे। श्रीनिवास ने कहा कि यह आदेश ‘एनपीएस और यूपीएस पेंशनभोगियों के बीच समानता लाता है और वे 25 लाख रुपये की ग्रैच्युटी के लिए भी पात्र होंगे।