छत्तीसगढ़

उद्यानिकी फसल से संतेर पोटाई हुए आर्थिक रूप से सशक्त

रायपुर, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना एवं उद्यानिकी विभाग की पहल से जिले के ग्राम भाटपाल निवासी संतेर पोटाई की किस्मत बदल गई है। पहले केवल धान की खेती करने वाले संतेर अब आधुनिक उद्यानिकी तकनीकों से विविध सब्जियों की खेती कर न सिर्फ अपनी आमदनी बढ़ा रहे हैं, बल्कि अन्य किसानों के लिए भी प्रेरणा बन चुके हैं। 

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संतेर पोटाई, पिता रैजूराम, परंपरागत खेती के जरिए अपने परिवार का पालन-पोषण कर रहे थे। लेकिन उत्पादन में गिरावट और लागत में बढ़ोतरी के कारण आय लगातार घट रही थी। ऐसे समय में उन्हें उद्यानिकी विभाग की योजनाओं के बारे में जानकारी मिली। उन्होंने विभागीय अधिकारियों से विस्तार से मार्गदर्शन लेकर 1 हेक्टेयर क्षेत्र में बैंगन, टमाटर, लौकी, तोरई एवं भिंडी की खेती शुरू की। संतेर ने उन्नत तकनीकों और मल्चिंग विधि का प्रयोग करते हुए लौकी, टमाटर, करेला और मिर्च की खेती की। इससे उनकी कुल लागत लगभग 80 हजार रही, जबकि फसल की बिक्री से उन्हें 4 लाख की आमदनी हुई। शुद्ध लाभ 3 लाख 20 हजार रहा, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में उल्लेखनीय सुधार हुआ।

संतेर की इस सफलता को देखते हुए आसपास के कई किसान भी अब उद्यानिकी की ओर आकर्षित हो रहे हैं। संतेर पोटाई अपनी फसलें स्थानीय बाजारों और आश्रम छात्रावासों में विक्रय करते हैं। संतेर पोटाई की यह सफलता न सिर्फ सरकारी योजनाओं की प्रभावशीलता को दर्शाती है, बल्कि यह भी प्रमाणित करती है कि मार्गदर्शन और मेहनत से किसान आत्मनिर्भर बन सकते हैं।

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