छत्तीसगढ़

शिक्षा को केवल किताबों तक सीमित नहीं रखना चाहिए, इसे व्यवहारिक ज्ञान से जोड़े – श्री डेका

रायपुर, शिक्षा को केवल किताबों तक सीमित नहीं रखना चाहिए, इसे व्यवहारिक ज्ञान से जोड़े – श्री डेकाशिक्षा को केवल किताबों तक सीमित नहीं रखना चाहिए, इसे व्यवहारिक ज्ञान से जोड़े – श्री डेकाशिक्षा को केवल किताबों तक सीमित नहीं रखना चाहिए, इसे व्यवहारिक ज्ञान से जोड़े – श्री डेका

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शिक्षा को केवल किताबों तक सीमित नहीं रखना चाहिए। हमें इसे व्यावहारिक ज्ञान से जोड़ना चाहिए। युवाओं को न केवल नौकरी खोजने के लिए बल्कि नौकरी देने वाले बनने के लिए तैयार करना चाहिए। छत्तीसगढ़ की समृद्धि तभी संभव है जब हमारे युवा आत्मनिर्भर और नवोन्मेषी बनेंगे। राज्यपाल श्री रमेन डेका ने अंजनेय विश्वविद्यालय रायपुर के वार्षिक उत्सव ‘उड़ान -2025‘ के समापन कार्यक्रम में यह उदगार व्यक्त किए।

राज्यपाल श्री रमेन डेका विश्वविद्यालय के कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का जिक्र करते हुए कहा कि हमारे पाठ्यक्रम में प्रौद्योगिकी, ग्रामीण विकास, नवाचार, स्टार्टअप संस्कृति और सामुदायिक सेवा में कौशल पर विशेष जोर दिया है। अब हम छात्रों को केवल कक्षाओं और पुस्तकालयों तक सीमित नहीं रखते हैं। हम उन्हें समाज, गांवों, खेतों और उद्योगों से जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं।
राज्यपाल ने कहा कि शिक्षा केवल ज्ञान प्रदान नहीं करती है बल्कि यह सोचने, समझने और नेतृत्व करने की शक्ति देती है। जब हम अपने युवाओं को गुणवत्तापूर्ण, व्यावहारिक और नैतिक शिक्षा प्रदान करते हैं, तो वे न केवल अपना भविष्य सुरक्षित करते हैं, बल्कि समाज और राष्ट्र के लिए भी संपत्ति बनते हैं।

श्री डेका ने कहा कि छत्तीसगढ़ प्राकृतिक, सांस्कृतिक और मानवीय संसाधनों से भरपूर राज्य है। किसी भी राज्य की सच्ची और सतत प्रगति तभी संभव है जब उसके लोग शिक्षित, प्रबुद्ध और सशक्त हों। शैक्षणिक संस्थान किसी भी राज्य की आत्मा होते हैं और इन संस्थानों से निकलने वाली पीढ़ियाँ ,राज्य के भविष्य की दिशा तय करती हैं।

राज्यपाल ने कहा कि स्थानीय आवश्यकताओं की समझ से उभरने वाले नवाचार सिर्फ अकादमिक उपलब्धियां ही नहीं हैं, बल्कि छत्तीसगढ़ के विकास की आधारशिला भी हैं। तेजी से आगे बढ़ते हुए छत्तीसगढ़ के विकास को टिकाऊ और सार्थक बनाने के लिए हमारे मानव संसाधनों को मजबूत करना नितांत आवश्यक है। इसके लिए शैक्षणिक संस्थानों की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण होती है। हमारे विश्वविद्यालयों की भूमिका अब केवल डिग्री देने तक सीमित नहीं रह गई है। वे समाजोपयोगी, रोजगारोन्मुखी शिक्षा और नैतिक मूल्यों को समाहित करें तथा हमारे युवाओं को जिम्मेदार नागरिक बनाएं। उन्होंने कहा कि यह वार्षिक उत्सव ‘‘उड़ान 2025‘‘ आप सभी को नए संकल्पों और आकांक्षाओं से भर दे।

कार्यक्रम की अध्यक्षता सांसद श्री बृजमोहन अग्रवाल ने की। उन्होंने उच्च शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की आवश्यकता बताई और कहा कि विद्यार्थियों को समर्पित और अनुशासित होकर आगे बढ़ना चाहिए और देश सेवा में अपना योगदान देना चाहिए।

कार्यक्रम के दौरान विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेने वाले विद्यार्थियों, उत्कृष्ट कार्य करने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों को राज्यपाल के हाथों पुरस्कृत किया गया।

इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री अभिषेक अग्रवाल, प्रति कुलाधिपति श्रीमती दिव्या अग्रवाल, कुलपति डॉ. टी. रामाराव, छत्तीसगढ़ विश्वविद्यालय विनियामक आयोग के अध्यक्ष प्रोफेसर वी. के गोयल सहित विश्वविद्यालय के अन्य अधिकारी, फेकल्टी मेबर, अभिभावक, विद्यार्थी उपस्थित थे।

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