छत्तीसगढ़

कबीरधाम के दुर्गम क्षेत्रों में पहुंचेगी निःशुल्क नेत्र जांच सेवा

उप मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री ने मोबाइल नेत्र जांच वैन को दिखाई हरी झंडी

रायपुर  । कबीरधाम जिले के दूरस्थ और वनांचल इलाकों में आंखों की जांच और इलाज जैसी महत्वपूर्ण स्वास्थ्य सेवा अब लोगों के घरों तक निःशुल्क पहुंचेगी। उप मुख्यमंत्री एवं कवर्धा विधायक  विजय शर्मा और स्वास्थ्य मंत्री  श्याम बिहारी जायसवाल ने आज पीजी कॉलेज परिसर, कवर्धा में उदयाचल संस्था द्वारा संचालित मोबाइल नेत्र जांच वैन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

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यह मोबाइल वैन कबीरधाम जिले के वनांचल और दुर्गम क्षेत्रों में जाकर लोगों की आंखों की जांच करेगी, विशेष रूप से मोतियाबिंद जैसे रोगों की पहचान और इलाज के लिए सेवा देगी।

उप मुख्यमंत्री  विजय शर्मा ने इस अवसर पर कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं का अंतिम व्यक्ति तक पहुंचना हमारी सरकार की प्राथमिकता है। आज यह मोबाइल वैन जिले के उन क्षेत्रों तक पहुंचेगी, जहां स्वास्थ्य सुविधाएं आसानी से नहीं पहुंच पातीं। यह कदम नेत्र स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक बड़ी पहल है, जिससे लोगों को समय पर जांच और इलाज का लाभ मिलेगा।

स्वास्थ्य मंत्री  श्याम बिहारी जायसवाल ने भी इसे एक सराहनीय पहल बताते हुए कहा कि कई बार लोग आंखों की छोटी समस्याओं को नजरअंदाज कर देते हैं, जो आगे जाकर गंभीर स्थिति ले सकती है। यह मोबाइल वैन मोतियाबिंद जैसे रोगों की पहचान कर लोगों को निःशुल्क उपचार प्रदान करेगी, जिससे ग्रामीण और वनांचल निवासियों को राहत मिलेगी।

इस अवसर पर छत्तीसगढ़ गोसेवा आयोग अध्यक्ष  विशेषर पटेल, सीजीएमएससी के अध्यक्ष  दीपक म्हस्के, कलेक्टर  गोपाल वर्मा, जिला पंचायत अध्यक्ष  ईश्वरी साहू, नगरपालिका परिषद कवर्धा अध्यक्ष  चंदप्रकाश चंद्रवंशी, जिला पंचायत उपाध्यक्ष  कैलाश चंद्रवंशी, जिला पंचायत सदस्य  रामकुमार भट्ट, जिला पंचायत सीईओ  अजय त्रिपाठी, सहित कई जनप्रतिनिधिगण और प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित रहे।

यह मोबाइल नेत्र जांच वैन विशेष रूप से जिले के तरेगांव, रेंगाखर, कुकदूर, बोक्काखार जैसे दुर्गम और सुदूर गांवों में जाकर मोतियाबिंद और अन्य नेत्र संबंधी रोगों की पहचान करेगी। जांच के उपरांत मरीजों को उचित मार्गदर्शन, इलाज, और जरूरत पड़ने पर ऑपरेशन की सुविधा भी प्रदान की जाएगी। इस वैन में प्रशिक्षित नेत्र चिकित्सकों की टीम के साथ आधुनिक नेत्र जांच उपकरण मौजूद हैं।

इस सेवा के माध्यम से न केवल ग्रामीण क्षेत्रों में नेत्र रोगों की समय पर पहचान होगी, बल्कि समय रहते इलाज मिलने से अंधता की रोकथाम भी संभव होगी।

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