छत्तीसगढ़

रायपुर में स्वर विज्ञान का ऐतिहासिक दो-दिवसीय प्रशिक्षण सम्पन्न

*देश-विदेश से आए 250+ प्रतिभागियों ने ‘लुप्त विद्या’ का किया अनुभव; दीप-सगुन के अद्भुत प्रयोग ने सबका ध्यान खींचा

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रायपुर। प्रख्यात आध्यात्मिक मार्गदर्शक एवं वास्तु विशेषज्ञ डॉ. राजेन्द्र जैन के निर्देशन में “लुप्त विद्या — स्वर विज्ञान” का दो-दिवसीय विशेष प्रशिक्षण 20–21 सितम्बर को रायपुर में सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ। देश-विदेश से पहुँचे 250 से अधिक प्रतिभागियों ने स्वर विज्ञान के सिद्धांतों व उसके व्यावहारिक अनुप्रयोगों को गहनता से सीखा। कार्यक्रम में उस दिव्य ज्ञान का संदर्भ भी रखा गया जिसका उल्लेख भगवान शिव द्वारा माता पार्वती को प्रदत्त उपदेश के रूप में मिलता है।वर्षों से अनेक साधकों ने इस विद्या के माध्यम से थायरॉइड जैसी समस्याओं में लाभ और जीवन-शैली में संतुलन अनुभव किया है। दो दिनों के सत्रों में प्रतिभागियों ने सिद्धांत के साथ-साथ कई लाइव प्रयोग भी देखे:- मनवांछित इच्छाओं की सिद्धि: स्वर-अनुकूल समय-चयन व अभ्यास की सुव्यवस्थित विधि।- दीप-सगुन का सजीव प्रदर्शन: डॉ. जैन ने मंच पर ही केवल 10 ग्राम घी में जला हुआ दीया 10 घंटे से भी अधिक समय तक जलाकर दिखाया—दीर्घ ज्वाला के संकेतों/सगुनों की व्याख्या के साथ।- व्यापार, अध्ययन और दैनिक कार्यों में उपयोग: सौदे-वार्ता, परीक्षा-तैयारी और दैनंदिन निर्णयों के लिए स्वर-आधारित व्यावहारिक तकनीकें।- नाड़ी शोधन योग का सामूहिक अभ्यास: नाड़ियों की शुद्धि, एकाग्रता और मानसिक-शारीरिक संतुलन के लिए प्रायोगिक सत्र।समापन पर प्रतिभागियों ने स्वर विज्ञान को दैनिक जीवन में उतारकर स्वस्थ, सफल और समृद्ध जीवन का संकल्प लिया। आयोजकों ने आगामी उन्नत सत्रों की भी घोषणा की।

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