जानिए कार्डियक अरेस्ट के 5 सबसे बड़े रिस्क फैक्टर्स, जो बनते हैं जानलेवा खतरा

एक्ट्रेस और मॉडल शेफाली जरीवाला का बीती रात को 42 साल की उम्र में निधन हो गया। इस निधन से जहां पर मनोरंजन जगत में मातम पसर गया है वहीं पर एक्ट्रेस के निधन के पीछे की वजह कार्डियक अरेस्ट बताया जा रहा है। कार्डियक अरेस्ट के चलते एक्ट्रेस का कम उम्र में दुनिया को अलविदा कह जाना बेहद दुखद है।



एक्ट्रेस ने अपने आइकॉनिक म्यूजिक वीडियो ‘कांटा लगा’ से दर्शकों को अपनी ओर खींचा था। आखिर कार्डियक अरेस्ट से अचानक कैसे जानलेवा खतरा बनता है और कौन से रिस्क फेक्टर्स है जो इस बीमारी को बढ़ाते हैं चलिए जानते हैं इस खबर में…
पहले जानिए क्या होता है कार्डियक अरेस्ट
यहां पर कार्डियक अरेस्ट की बात की जाए तो, यह स्वास्थ्य की ऐसी स्थिति होती है जिसमें व्यक्ति का दिल अचानक काम करना बंद कर देता है, जिससे पूरे शरीर में ब्लड फ्लो रुक जाता है। इस दौरान पीड़ित को तुरंत मेडिकल इंटरवेंशन की जरूरत होती है। कई मामलों में इस खतरे को टाला जा सकता है लेकिन कई मामलों में पीड़ित की मौत हो जाती है।
आखिर कौन से होते है कार्डियक अरेस्ट के फैक्टर्स
यहां पर कार्डियक अरेस्ट की स्थिति कैसे बनी है और कौन से रिस्क फैक्टर्स होते है जिनके बारे में आपको जानना चाहिए चलिए जानत है…
1. कोरोनरी आर्टरी डिजीज
कार्डियक अरेस्ट का पहला रिस्क कोरोनरी आर्टरी डिजीज (CAD) माना गया है। इस स्थिति में अक्सर व्यक्ति के दिल को खून पहुंचाने वाली धमनियों में प्लाक (फैट और कोलेस्ट्रॉल) जमा हो जाता है, जिससे वो तंग (नैरो) हो जाती हैं और हार्ट में ब्लड का फ्लो कम हो जाता है। जमा हुआ प्लाक टूटकर रक्त के थक्के बनाने का काम करता है तो वहीं पऱ शरीर में ब्लड का फ्लो भी रूक जाता है इस स्थिति में कार्डियक अरेस्ट का कारण बनता है।
2. एरिथमिया
इस प्रकार की स्थिति दिल की धमनियां या हार्ट रिदम से जुड़ी परेशानियों के लिए जाना जाता है। इस फैक्टर की स्थिति में अगर दिल के पावर सिस्टम में कोई खराबी आ जाती है, तो दिल बहुत तेजी से, बहुत धीमी गति से, या अनियमित रूप से धड़क सकता है। वेंट्रिकुलर फाइब्रिलेशन एक खास तौर से खतरनाक तरह का एरिथमिया माना जाता है। इस स्थिति में दिल के निचले चैंबर (वेंट्रिकल) एब्नॉर्मल तरीके से कांपने लगते हैं और असरदार तरीके से ब्लड पंप नहीं कर पाते। इस वजह से कार्डियक अरेस्ट का खतरा बनता है।
3. दिल की मांसपेशी में असामान्यताएं (कार्डियोमायोपैथी)
दिल की मांसपेशियों से जुड़ी यह स्थिति होती है। इस स्थिति में दिल की मांसपेशी असामान्य रूप से मोटी, कमजोर या सख्त हो जाती है। जहां पर दिल को पंप करने की क्षमता को यह प्रभावित करने का काम करता है। कुछ जेनेटिक फैक्टर्स होते हैं और कुछ दूसरी बीमारियों या लाइफस्टाइल फैक्टर्स के कारण विकसित होती हैं।
4. कॉन्जेनिटल हार्ट डिजीज
इस तरह के फैक्टर को जन्मजात मान सकते है। इस स्थिति में जन्म से कुछ लोगों को दिल की बीमारियां होती है। यह दिल की बीमारियां दिल की संरचना या फंक्शन को प्रभावित करते है। ये परेशानी अक्सर बचपन में ही पकड़ में आ जाते हैं, कुछ हल्की प्रॉब्लम्स यंग होने तक अनकंट्रोल्ड रह सकते हैं और परेशानियां पैदा कर सकते हैं।
5. दूसरे मेडिकल कंडीशंस और लाइफस्टाइल फैक्टर्स
कई रिस्क फैक्टर्स के अलावा आपके खानपान और लाइफस्टाइल का तरीका नुकसान पहुंचाता है। अगर आप डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, हाई कोलेस्ट्रॉल, मोटापा, स्मोकिंग, हद से ज्यादा शराब का सेवन, स्ट्रेस और फिजिकल इनएक्टिविटी फैक्टर्स पर काम करते है तो दिल को नुकसान पहुंचता है। इस वजह से कार्डियक अरेस्ट की स्थिति बनती है।