कबीर नगर फेज-3 में खुले में फेंके गए मेडिकल बायोवेस्ट से नागरिकों की जान को खतरा – अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संरक्षण आयोग ने की त्वरित कार्रवाई की माँग

अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संरक्षण आयोग,पूर्वी भारत जोन के जन सम्पर्क अधिकारी अज़ीम खान एवं छत्तीसगढ़ के राज्य महासचिव श्री प्रदुमन शर्मा द्वारा नगर निगम जोन-8 के स्वास्थ्य अधिकारी को एक गंभीर शिकायत सौंपी । यह शिकायत कबीर नगर फेज-3 क्षेत्र में बड़ी मात्रा में ब्लड से भरे वायरल ट्रांसपोर्ट मीडियम (VTM) ट्यूब्स सहित अन्य मेडिकल बायोवेस्ट को खुले में फेंके जाने को लेकर की गई।



शिकायत के अनुसार दिनांक 30 जून 2025 को शाम 5:40 बजे कबीर नगर फेज-3 में भारी मात्रा में खुले में मेडिकल कचरा पड़ा हुआ पाया गया, जिससे स्थानीय नागरिकों, विशेष रूप से बच्चों, बुजुर्गों एवं पशुओं के स्वास्थ्य पर गंभीर खतरा उत्पन्न हो सकता है।
जनसम्पर्क अधिकारी अज़ीम खान (पूर्वी भारत जोन ) ने कहा की “कबीर नगर जैसे घनी आबादी वाले क्षेत्र में इस प्रकार का मेडिकल बायोवेस्ट खुले में फेंका जाना अत्यंत दुर्भाग्यजनक और चिंताजनक है। यह न केवल मानवीय अधिकारों का उल्लंघन है बल्कि स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए एक सीधा खतरा भी है। अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संरक्षण आयोग इस प्रकार की घटनाओं को बर्दाश्त नहीं करेगा और हम यह सुनिश्चित करेंगे कि दोषियों को चिन्हित कर उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही हो। साथ ही हम प्रशासन से माँग करते हैं कि सभी जोनों में मेडिकल वेस्ट के निपटान की प्रक्रिया की समीक्षा की जाए।”
श्री प्रदुमन शर्मा ने बायोमेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट नियम, 2016 का हवाला देते हुए इसे स्पष्ट रूप से नियमों का उल्लंघन बताया है। उन्होंने प्रशासन से माँग की है कि तत्काल:
मौके का निरीक्षण कर सैनिटाइजेशन की प्रक्रिया शुरू की जाए,
दोषियों की पहचान कर उनके विरुद्ध सख्त कार्यवाही की जाए,
भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने हेतु निगरानी और जागरूकता अभियान चलाया जाए।
यह घटना केवल स्वच्छता की लापरवाही नहीं बल्कि नागरिक जीवन, पशु-जीवन एवं पर्यावरण के लिए एक गंभीर संकट है।
अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संरक्षण आयोग ने मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन से त्वरित एवं प्रभावी कदम उठाने की अपील की है। आयोग ने चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र उचित कार्रवाई नहीं की जाती है, तो वह उच्च अधिकारियों को इस संबंध में सूचित करेगा