प्रधानमंत्री आवास योजना से कोरिया जिले में 17 हजार से अधिक परिवारों को मिला पक्का आशियाना

- 17 करोड़ ईंट, 17 लाख सीमेंट बोरी, 2 लाख ट्राली रेती से तैयार हुआ पीएम आवास
- छांव और सुकून के साथ बदल रही है जीवनशैली
रायपुर, कोरिया जिले के पात्र हितग्राहियों को प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) का लाभ तेजी से दिया जा रहा है, जिसके परिणामस्वरूप अब 17 हजार 142 परिवारों को पक्का और सुरक्षित आशियाना मिल चुका है। पक्के मकान मिलने से ग्रामीण परिवार अब छांव और सुरक्षा के साथ सुकून भरा जीवन व्यतीत कर रहे हैं।
कोरिया जिले को अब तक इस योजना के तहत 29 हजार 509 आवासों का लक्ष्य प्राप्त हुआ, जिनमें से 26 हजार 832 आवास स्वीकृत किए जा चुके हैं। आवास निर्माण हेतु प्रत्येक हितग्राही को 1.20 से 1.30 लाख रुपये की सहायता राशि सीधे डी.बी.टी. के माध्यम से प्रदान की जा रही है। आज की स्थिति तक करीब 243 करोड़ रुपये सीधे लाभार्थियों के खातों में हस्तांतरित किए जा चुके हैं।
मजदूरी भुगतान से ग्रामीणों को रोजगार
आवास निर्माण में 95/90 दिवस का मजदूरी भुगतान मनरेगा के तहत किया जाता है। इस मद में अब तक 30 करोड़ रुपये डी.बी.टी. के माध्यम से मजदूरों को भुगतान किए गए, जिससे उन्हें स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध हुआ।
निर्माण से स्थानीय आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा
कोरिया जिले में अब तक पूर्ण किए गए 17 हजार 142 आवासों के निर्माण में लगभग 17 करोड़ ईंट, 17 लाख बोरी सीमेंट, 2 लाख ट्रॉली रेत, 1.5 लाख ट्रॉली गिट्टी और 1 करोड़ किलोग्राम सरिया का उपयोग किया गया।
इस सामग्री की बिक्री एवं ढुलाई के माध्यम से ग्रामीण उद्यमियों, मजदूरों और निर्माण कार्यों से जुड़े लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार मिला, जिससे उनकी आय में वृद्धि हुई और जीवन स्तर सुधरा।
राजमिस्त्री प्रशिक्षण से कौशल विकास
जिले में कुल 880 प्रशिक्षार्थियों को 45 दिवस का राजमिस्त्री प्रशिक्षण प्रदान किया गया। इससे न केवल कौशल विकास हुआ, बल्कि प्रशिक्षित श्रमिकों की आय में भी महत्वपूर्ण वृद्धि दर्ज की गई।
पहाड़ी और वन क्षेत्रों में सुरक्षा का मजबूत आधार
कोरिया जिला पहाड़ी एवं सघन वनों से घिरा क्षेत्र है, जहाँ अधिक वर्षा, अधिक ठंड और वन्य पशुओं का खतरा भी बना होता है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मिले पक्के घरों से 17 हजार 142 परिवार अब प्राकृतिक विपदाओं से सुरक्षित हैं और अपने परिवार के साथ खुशहाल, गरिमापूर्ण और सम्मानजनक जीवन जी रहे हैं।




