पंडित जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज रायपुर में छात्रावास संकट पर NSUI का हस्तक्षेप – छात्रों की बदहाल स्थिति को लेकर डीन को सौंपा ज्ञापन




रायपुर। पंडित जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज, रायपुर में छात्रों को लंबे समय से छात्रावास जैसी मूलभूत सुविधा से वंचित रहना पड़ रहा है। नए हॉस्टल निर्माण का कार्य वर्षों से अधूरा पड़ा है, और मौजूदा हॉस्टल की हालत इतनी खराब है कि वहां रहना छात्रों के लिए शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य पर सीधा असर डाल रहा है।
रायपुर जिला एनएसयूआई द्वारा इस गंभीर स्थिति को लेकर आज कॉलेज डीन से मुलाकात कर एक विस्तृत ज्ञापन सौंपा गया। जिला उपाध्यक्ष तारिक अनवर खान के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने डीन को अवगत कराया कि छात्र अपने लिए किराए पर निजी मकानों में रहने को मजबूर हैं, जहां न तो सुरक्षा है और न ही पढ़ाई का अनुकूल माहौल। कई छात्र ऐसे मकानों में रह रहे हैं जहां बुनियादी सुविधाएं तक नहीं हैं, और इन हालात में गुणवत्तापूर्ण मेडिकल शिक्षा की उम्मीद बेमानी है।
यह उल्लेखनीय है कि NMC (नेशनल मेडिकल कमीशन) की गाइडलाइनों के अनुसार, मेडिकल छात्रों के लिए सुरक्षित और नियमानुसार हॉस्टल सुविधा देना संस्थान की जिम्मेदारी है, और इसका उल्लंघन सीधे तौर पर शैक्षणिक गुणवत्ता और मान्यता को प्रभावित करता है।
इसी संकट के संदर्भ में, हाल ही में “चिकित्सक दिवस” के अवसर पर कॉलेज परिसर में आयोजित कार्यक्रम में, जब मुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री उपस्थित थे, छात्रों ने अपने विरोध को शांतिपूर्ण ढंग से दर्ज कराया था। यह स्पष्ट संकेत था कि अब छात्र अपने हक़ के लिए खुलकर आवाज़ उठाने को तैयार हैं।
ज्ञापन में रखी गई प्रमुख माँगें:
नया छात्रावास भवन शीघ्र पूर्ण कर उसका संचालन प्रारंभ किया जाए।
हॉस्टल से वंचित छात्रों को किराया भत्ता या वैकल्पिक आवास उपलब्ध कराया जाए।
पुराने हॉस्टलों की मरम्मत, स्वच्छता और सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
हॉस्टल अलॉटमेंट में पारदर्शिता लाई जाए और छात्र प्रतिनिधियों को सम्मिलित किया ज ने यह भी कहा कि एक पूरा बैच हॉस्टल के बिना कॉलेज से पास आउट हो गया, जो एक गंभीर शैक्षणिक असफलता का उदाहरण है। छात्रों के साथ यह व्यवहार न सिर्फ अन्यायपूर्ण है, बल्कि यह मेडिकल शिक्षा की गुणवत्ता और संरचना दोनों पर सवाल खड़ा करता है।
कॉलेज डीन ने आश्वासन दिया है कि वे इस विषय को राज्य सरकार और स्वास्थ्य विभाग के समक्ष रख चुके हैं और शीघ्र हल की दिशा में प्रयास हो रहे हैं।
एनएसयूआई रायपुर ने यह स्पष्ट किया है कि यदि आने वाले दिनों में इस समस्या पर ठोस कार्यवाही नहीं हुई, तो संगठन छात्रों के साथ मिलकर संविधानिक और लोकतांत्रिक तरीके से आंदोलन करेगा। छात्रावास की सुविधा कोई विशेषाधिकार नहीं, बल्कि छात्रों का अधिकार है, और इस अधिकार की रक्षा के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ मैदान में डटा रहेगा*प्रेस विज्ञप्ति**भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (NSUI),*रायपुर**दिनांक: [05/07/25]**विषय: पं. जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज रायपुर में छात्रावास संकट पर NSUI का हस्तक्षेप – छात्रों की बदहाल स्थिति को लेकर डीन को सौंपा ज्ञापन**रायपुर:**पंडित जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज, रायपुर में छात्रों को लंबे समय से छात्रावास जैसी मूलभूत सुविधा से वंचित रहना पड़ रहा है। नए हॉस्टल निर्माण का कार्य वर्षों से अधूरा पड़ा है, और मौजूदा हॉस्टल की हालत इतनी खराब है कि वहां रहना छात्रों के लिए शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य पर सीधा असर डाल रहा है।**रायपुर जिला एनएसयूआई द्वारा इस गंभीर स्थिति को लेकर आज कॉलेज डीन से मुलाकात कर एक विस्तृत ज्ञापन सौंपा गया। जिला उपाध्यक्ष तारिक अनवर खान के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने डीन को अवगत कराया कि छात्र अपने लिए किराए पर निजी मकानों में रहने को मजबूर हैं, जहां न तो सुरक्षा है और न ही पढ़ाई का अनुकूल माहौल। कई छात्र ऐसे मकानों में रह रहे हैं जहां बुनियादी सुविधाएं तक नहीं हैं, और इन हालात में गुणवत्तापूर्ण मेडिकल शिक्षा की उम्मीद बेमानी है।**यह उल्लेखनीय है कि NMC (नेशनल मेडिकल कमीशन) की गाइडलाइनों के अनुसार, मेडिकल छात्रों के लिए सुरक्षित और नियमानुसार हॉस्टल सुविधा देना संस्थान की जिम्मेदारी है, और इसका उल्लंघन सीधे तौर पर शैक्षणिक गुणवत्ता और मान्यता को प्रभावित करता है।**इसी संकट के संदर्भ में, हाल ही में “चिकित्सक दिवस” के अवसर पर कॉलेज परिसर में आयोजित कार्यक्रम में, जब मुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री उपस्थित थे, छात्रों ने अपने विरोध को शांतिपूर्ण ढंग से दर्ज कराया था। यह स्पष्ट संकेत था कि अब छात्र अपने हक़ के लिए खुलकर आवाज़ उठाने को तैयार हैं।**ज्ञापन में रखी गई प्रमुख माँगें:**नया छात्रावास भवन शीघ्र पूर्ण कर उसका संचालन प्रारंभ किया जाए।**हॉस्टल से वंचित छात्रों को किराया भत्ता या वैकल्पिक आवास उपलब्ध कराया जाए।**पुराने हॉस्टलों की मरम्मत, स्वच्छता और सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।**हॉस्टल अलॉटमेंट में पारदर्शिता लाई जाए और छात्र प्रतिनिधियों को सम्मिलित किया ज ने यह भी कहा कि एक पूरा बैच हॉस्टल के बिना कॉलेज से पास आउट हो गया, जो एक गंभीर शैक्षणिक असफलता का उदाहरण है। छात्रों के साथ यह व्यवहार न सिर्फ अन्यायपूर्ण है, बल्कि यह मेडिकल शिक्षा की गुणवत्ता और संरचना दोनों पर सवाल खड़ा करता है।**कॉलेज डीन ने आश्वासन दिया है कि वे इस विषय को राज्य सरकार और स्वास्थ्य विभाग के समक्ष रख चुके हैं और शीघ्र हल की दिशा में प्रयास हो रहे हैं।**एनएसयूआई रायपुर ने यह स्पष्ट किया है कि यदि आने वाले दिनों में इस समस्या पर ठोस कार्यवाही नहीं हुई, तो संगठन छात्रों के साथ मिलकर संविधानिक और लोकतांत्रिक तरीके से आंदोलन करेगा। छात्रावास की सुविधा कोई विशेषाधिकार नहीं, बल्कि छात्रों का अधिकार है, और इस अधिकार की रक्षा के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ मैदान में डटा रहेगा।जारीकर्ता,
तारिक अनवर खान
जिला उपाध्यक्ष, NSUI रायपुर