छत्तीसगढ़

हाईकोर्ट में ग्रीष्मकालीन अवकाश का कार्यक्रम बदला, रजिस्ट्रार जनरल ने जारी किया आदेश

बिलासपुर। हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल मनीष कुमार ठाकुर ने पूर्व निर्धारित समर वेकेशन के शेड्यूल में बदलाव कर दिया है। जारी आदेश के तहत अब हाई कोर्ट में 2.जून .2025 से 28.जून 2025 के बीच समर वेकेशन रहेगा। शेड्यूल में बदलाव के बाद हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष व सचिव ने चीफ जस्टिस को पत्र लिखकर पूर्व में तय शेड्यूल के अनुसार वेकेशन की मांग की है। बिलासपुर हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल ने अपने आदेश में कहा है कि वर्ष 2025 के लिए हाई कोर्ट के कैलेंडर में आंशिक संशोधन करते हुए वर्ष 2025 के लिए हाई कोर्ट के कैलेंडर में समर वेकेशन को स्थगित कर दिया है और इसे 12.मई .2025 से 06.जून के बजाय 02.जून .2025 से 28.जून 2025 के बीच समर वेकेशन की घोषणा की है। जारी आदेश में लिखा है कि अधिवक्ताओं द्वारा उनकी गैर-उपस्थिति के लिए या यदि वे वर्चुअल रूप से उपस्थित होना चाहते हैं, तो उनके द्वारा दायर किया गया समायोजन आवेदन, यदि कोई हो, भी उक्त अवधि के दौरान स्वीकार किया जाएगा।

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हाई कोर्ट बार एसोसिएशन ने लिखी चिट्ठी

हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष उमाकांत सिंह चंदेल व सचिव वरूणेन्द्र मिश्रा ने चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा को पत्र लिखकर पूर्व में जारी आदेश के तहत समर वेकेशन रखने की मांग की है। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय अधिवक्ता संघ के द्वारा अधिवक्ताओं से सलाह लिया गया जिसमें वाट्सअप के माध्यम से जनमत भी संग्रह किया गया जिस पर अधिकांश अधिवक्ताओं के द्वारा ग्रीष्मकालीन अवकाश की तिथि बढ़ाये जाने का विरोध किया गया एवं निम्नलिखित परेशानियां बतायी. कुछ अधिवक्ताओं द्वारा मेडिकल ट्रीटमेंट के लिए बाहर जाकर अपांइंटमेंट लिया जा चुका है। कुछ अधिवक्ताओं के द्वारा पारिवारिक एवं वैवाहिक कार्यक्रम निश्चित किया जा चुका है।कुछ अधिवक्ताओं के द्वारा पारिवारिक छु‌ट्टी हेतु महंगी टिकट बुक करायी जा चुकी है।इसी तरह अन्य अधिवक्ताओं द्वारा भी समस्याएं बतायी गयी।

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