भरतनाट्यम में संभावनाएं जगाती हैं सान्वी की प्रस्तुति

रायपुर। महाराष्ट्र मंडल में आषाढी एकादशी के सुगम गीत- संगीत व लघु नाटिका में अगर पूरे कार्यक्रम की कोई हाईलाइटर रहीं, तो वो हडको भिलाई की भरतनाट्यम की सिद्धहस्त नृत्यांगना 13 वर्षीय सान्वी मुकुंद अवधुत थीं। जिन्होंने महज छह मिनट की एकमात्र गणेश वंदना प्रस्तुति से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।
महाराष्ट्र मंडल के संगीत- नृत्य की समझ रखने वालों के अनुसार भरतनाट्यम शैली में प्रस्तुत सान्वी के डांस की शुरुआत गणेश वंदना से हुई। इसमें उन्होंने 12 से अधिक हस्तमुद्राओं का कमल पुष्प अर्पण करने के लिए पद्मकोष, अलापद्मा हस्तमुद्रा सहित अनेक मुद्राएं प्रस्तुत कर गणपति के एकदंत, वक्रतुंड अवतार दिखाए। सान्वी ने शिखर हस्त मुद्रा से शिव का अवतार भी प्रभावी तरीके से प्रस्तुत किया।
यह सब संभव हो पाया सान्वी के सात वर्षों से भरतनाट्यम नृत्य को लेकर जारी प्रशिक्षण और जुनूनी अभ्यास से। पिता मुकुंद अवधुत बताते हैं कि सान्वी नृत्य गुरु राखी राय से भरतनाट्यम सीख रही हैं और राखी सहित पालक उपाध्याय से प्रेरित भी। हाल ही में उन्होंने सेंटर ऑफ कल्चरल रिसोर्सेस एंड ट्रेनिंग न्यू दिल्ली में आयोजित कल्चरल टेलेंट सर्च वर्ष 2024-25 की परीक्षा उत्तीर्ण कर जूनियर सीसीआरटी स्कॉलरशिप होल्डर रहीं।
दर्शकों से खचाखच भरे महाराष्ट्र मंडल के छत्रपति शिवाजी महाराज सभागृह में बेहतरीन प्रस्तुति के बाद सान्वी ने बताया कि दूरदर्शन केंद्र रायपुर में उन्होंने दो बार अपने नृत्य की प्रस्तुति दी है। इसके अलावा राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की विभिन्न स्पर्धाओं में उन्होंने परफार्म भी किया है। इनमें से कोलकाता में आयोजित अंतरराष्ट्रीय कल्चर फेस्टिवल में प्रथम पुरस्कार जीता। वहीं रायपुर में आयोजित शिवांजलि महोत्सव में विजेता रहीं। सान्वी बनारस में आयोजित अंतररराष्ट्रीय कृष्णप्रिया महोत्सव में रनर अप रहीं। केरला समाज की ओर से आयोजित आल इंडिया डांस म्युजिक छत्तीसगढ़ ट्रेडिशनल चैंपियनशिप में भी उन्होंने प्रथम पुरस्कार हासिल किया। भिलाई में आयोजित ऑल इंडिया डांस एसोसिएशन सान्वी अवधुत उप विजेता रहीं।


