हीरानंदानी ने बतायाहाउसिंग और इंफ्रास्ट्रक्चर से कैसे बदलेगा देश का भविष्य, गरीबों तक पहुंचेगा लाभ

हीरानंदानी समूह और नेरेडको के चेयरमैन निरंजन हीरानंदानी का कहना है कि हाउसिंग और इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर ऐसा है जो देश में समान रूप से आम लोगों को फायदा पहुंचा सकता है। इन सेक्टरों के जरिए ही देश के गरीब और ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों के हाथ में पैसा आ सकता है और गरीबों को काम किया जा सकता है। आत्मनिर्भर भारत, बेरोजगार मुक्त भारत और आर्थिक समृद्धता लाने में यही एक सेक्टर है जिस पर फोकस किया जाना चाहिए। यहां राज्य स्तर पर भी पर यह सेक्टर देश स्तर पर बढ़ावा देकर सफलता हासिल कर सकती है।


‘नवभारत’ के साथ खास बातचीत में हीरानंदानी ने कहा कि निर्धारित रूप से यह दो आर्थिक क्षेत्रों में विश्व में सबसे आगे है। 7.8 फीसदी की दर से देश का आर्थिक विकास कर रहा है। हाउसिंग सेक्टर का योगदान 10 फीसदी तक है। अगले 12 से 15 फीसदी तक पहुंचने का अनुमान है। इस सेक्टर की गतिविधि लाने का फायदा गरीबों तक सीधे पहुंचेगा।
बेरोजगारी कम करने में हो रहा मद्ददगार
उन्होंने कहा कि देश बेरोजगारी में सुर्ख रहा है। इसमें बेरोजगारी दर को कम करने की क्षमता इन दोनों सेक्टरों में है। और रिजल्ट लोगों के हाथों में पैसा पहुंच कर रहेगा। इन सेक्टरों और निवेशकों की मदद से रोजगार पैदा करने में मदद मिलेगी। 2030 या 2047 के लक्ष्य को हासिल करने के लिए यह काफी महत्वपूर्ण है। चीन लगभग 10 फीसदी की दर से आर्थिक बढ़त कर रहा है। भारत अभी भी इस दर पर पहुंचा है। यही कारण है कि विकास के साथ-साथ चीन की समान रूप से सफलता का मॉडेल भी मिला।
20 लाख लोगों की जरूरत
हीरानंदानी ने कहा कि आज इन दो सेक्टरों में 20 लाख लोगों की जरूरत है। और अगले पांच साल में यह 8, 9 लाख और बढ़ सकती है। अकेली एलआईसी 25,000 कर्मचारियों की भर्ती कर रही है। इसके अलावा 77 प्राइवेट सेक्टर के हाउसिंग प्रोजेक्ट और कॉर्पोरेट कंपनियां रोजगार पैदा कर रही हैं। इन सेक्टरों में अलग तरह की नौकरियां हैं। आज लोगों को जो भी काम मिलेगा, यह आधुनिक तकनीक पर आधारित है।
नागपुर आने में रुचि
देश-विदेश में कई प्रोजेक्ट कर रहे हीरानंदानी ने कहा कि नागपुर एक आकर्षक डेस्टिनेशन बन रहा है। उन्होंने नागपुर में संभावनाओं की तलाश कर रहा है। नागपुर आने में रुचि भी है।
एक फ्लैट में 50 फीसदी लागत सरकार को
- उन्होंने कहा कि एक फ्लैट में 18 माह में अफोर्डेबल हाउसिंग में 20 फीसदी की कमी किए जा सकते हैं।
- मुंबई और अमीर शहर में 50 फीसदी लोग ओबीसीडीपी में रह रहे हैं। इसका मुख्य कारण यह है कि जमीन की कीमत अधिक होती जा रही है।
- प्रधानमंत्री आवास योजना को काफी तेजी से बढ़ा दिया गया। ब्याज दर अधिक है और रेडी टेक्नर को दो-दो साल। जीपीटी की दर अलग से परेशान कर रही है।
- कुल मिलाकर एक फ्लैट की कुल लागत का 50 फीसदी हिस्सा राज्य और केंद्र के खाते में जाएगा। यही आम लोगों के हित में है। इसका फायदा बहुत ही शानदार से ले सकते हैं और सुधार करने योग्य भी। आम आदमी के सपनों को साकार कर सकते हैं।