करेगुट्टा मुठभेड़ में 22 नक्सली ढेर, ‘ऑपरेशन संकल्प’ अंतिम चरण में, बड़ा नक्सली नेटवर्क ध्वस्त

गड़चिरोली: महाराष्ट्र, तेलंगाना और छत्तीसगढ़ की सीमा पर स्थित घने जंगलों में करेगुट्टा पहाड़ी पर पिछले 15 दिनों से चल रहे बड़े नक्सल विरोधी अभियान में अब तक 22 नक्सलियों के मारे जाने की जानकारी सामने आई है। सूत्रों के अनुसार, यह संख्या और बढ़ सकती है क्योंकि अभियान अभी भी जारी है। कुछ दिन पहले इसी इलाके में 3 महिला नक्सलियों के शव बरामद हुए थे।



जानकारी के अनुसार, कुख्यात नक्सल कमांडर माडवी हिडमा के नेतृत्व वाली सबसे आक्रामक मानी जाने वाली बटालियन नंबर 1 के लगभग 700 से अधिक नक्सली छत्तीसगढ़ और तेलंगाना की सीमा पर स्थित करेगुट्टा पहाड़ी क्षेत्र में एकत्र हुए थे। इस खुफिया जानकारी के बाद केंद्र और राज्य सरकार की संयुक्त सुरक्षा एजेंसियों ने लगभग 10,000 से अधिक जवानों को तैनात कर इस क्षेत्र में एक विशाल नक्सल विरोधी अभियान शुरू किया, जिसे ‘ऑपरेशन संकल्प’ नाम दिया गया है।
इस ऑपरेशन के तहत जवानों ने पिछले पंद्रह दिनों से पूरे करेगुट्टा इलाके को चारों ओर से घेर रखा है। इसी दौरान 7 मई को हुई एक भीषण मुठभेड़ में 22 नक्सली मारे गए। हालांकि, अभी तक इन मारे गए नक्सलियों की पहचान नहीं हो सकी है। पुलिस को संदेह है कि इस क्षेत्र में नक्सलियों के कई बड़े नेता भी मौजूद थे। इस ऑपरेशन में मौसम की चुनौती भी सामने आई है। 50 से अधिक जवानों को लू और गर्मी की वजह से उष्माघात (हीट स्ट्रोक) जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ा है। अभियान में शामिल जवानों को हेलिकॉप्टर के ज़रिए आवश्यक सामग्री और सहायता पहुँचाई जा रही है।
नक्सलियों की ओर से एक पत्र जारी कर इस अभियान को बंद करने की अपील की गई थी। लेकिन वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जब तक पूरे क्षेत्र पर नियंत्रण नहीं पा लिया जाता, तब तक ऑपरेशन बंद नहीं किया जाएगा। ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में इस क्षेत्र में और भी बड़ी मुठभेड़ें हो सकती हैं। ऑपरेशन के दौरान ड्रोन तकनीक का प्रभावी उपयोग किया गया। ड्रोन के माध्यम से नक्सलियों की गतिविधियों पर नजर रखी गई और एक गुफा पर नियंत्रण भी पाया गया, जहाँ से बड़ी मात्रा में नक्सली साहित्य और सामान जब्त किया गया है।
ड्रोन से लिए गए फुटेज में नक्सलियों को घबराकर भागते हुए और बेतहाशा दौड़ते हुए देखा गया है, जिससे ऑपरेशन की सफलता का अंदाजा लगाया जा सकता है। इसी बीच यह भी चर्चा है कि कुख्यात नक्सली कमांडर हिडमा, जो इस ऑपरेशन का मुख्य लक्ष्य माना जा रहा था, कड़ी सुरक्षा घेरे के बावजूद इस इलाके से फरार हो गया है। इसलिए यह ऑपरेशन अभी और कुछ दिन तक चलने की संभावना है, और सभी की निगाहें इस पर टिकी हुई हैं।