छत्तीसगढ़

गौस-ए-आज़म के वंशज “शहज़ादा-ए-गौस पाक” हज़रत अल हाशिम अल जिलानी द्वारा शहर सीरत कमेटी के लोगो का रूहानी विमोचन

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रायपुर। इस्लामी माहौल, सूफियाना रूहानियत और इत्तेहाद का नायाब नज़ारा जुमा के दिन उस वक़्त देखने को मिला जब शहर सीरत उन नबी कमेटी के नवनिर्मित लोगो (प्रतीक चिन्ह) का ऐतिहासिक विमोचन गौस-ए-आज़म हज़रत शेख अब्दुल क़ादिर जिलानी रहमतुल्लाह अलैह के रूहानी वारिस “शहज़ादा-ए-गौस पाक” हज़रत अल हाशिम अल जिलानी साहब के दस्ते मुबारक से अंजाम पाया।

यह मुकद्दस मौका न सिर्फ शहर के लिए बल्कि पूरी क़ौम के लिए एक बड़ी रूहानी रहमत और फख्र का सबब बना।

सोहेल सेठी ने पेश किया नई सोच और एकजुटता का नज़रिया
कार्यक्रम की मेज़बानी शहर सीरत कमिटी के नवनियुक्त सदर सोहेल सेठी ने की, जो हाल ही में भारी जनसमर्थन से चुने गए हैं। सदर बनने के बाद से सोहेल सेठी कमिटी में नई ऊर्जा, ज़िम्मेदारी और पारदर्शिता लाने के लिए निरंतर सक्रिय हैं।

अपने स्वागत भाषण में सोहेल सेठी ने कहा:

“हमारी कोशिश है कि सीरत कमिटी केवल एक संस्था न रह जाए, बल्कि उम्मत को जोड़ने और पैग़म्बर-ए-इस्लाम हज़रत मुहम्मद स.अ.व. की सीरत से रौशनी लेकर समाज को बेहतर बनाने का ज़रिया बने।”

गौस-ए-आज़म के वंशज की दुआएं और रहनुमाई
हज़रत अल हाशिम अल जिलानी साहब ने लोगो के विमोचन के बाद सोहेल सेठी और उनकी टीम को दुआओं से नवाज़ा और तालीमी, समाजी व मज़हबी खिदमत को जारी रखने की ताकीद (हिदायत) दी। उन्होंने कहा कि:

“सीरत-ए-नबी का पैग़ाम जब तक आम लोगों तक नहीं पहुंचेगा, समाज में असल तब्दीली नहीं आएगी। शहर सीरत कमिटी इस काम को अंजाम दे रही है – यह बेहद काबिले-तारीफ है।”

विशेष अतिथियों की मौजूदगी ने बढ़ाया आयोजन का रुतबा
इस मौके पर वक़्फ़ बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. सलीम राज, धार्मिक स्कॉलर्स, समाजसेवी, पत्रकार और शहर की कई जानी-मानी हस्तियां मौजूद रहीं। सभी ने इस पहल की सराहना की और इसे एक नई शुरुआत करार दिया।

शहर में धार्मिक जागरूकता और सीरत-ए-नबी के पैग़ाम को फैलाने की पहल है।

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