छत्तीसगढ़

दिगम्बर जैन समाज रायपुर के गोधा ( जैन ) परिवार संयुक्त परिवार ने अपनी सामाजिक धार्मिक सेवाओं के लिए एक धरोहर के रूप में पूरे छत्तीसगढ़ में अलग ही पहचान बनायी है

रायपुर। दिगम्बर जैन समाज रायपुर के गोधा ( जैन ) परिवार संयुक्त परिवार ने अपनी सामाजिक और धार्मिक सेवाओं के लिए एक धरोहर के रूप में पूरे छत्तीसगढ़ में अलग ही पहचान बनायी है, जहां परिवार के मुखिया स्व जगदीशचंदजी, स्व चंद्रभानजी और स्व बाबूलालजी गोधा के कुशल नेतृत्व ने छह दशकों से व्यावसायिक व सामाजिक क्षेत्र में रूप से विशिष्ट पहचान व मार्गदर्शन दिया वही इस परिवार की मुखिया 90 वर्ष की देउ बाई गोधा द्वारा परिवार को धार्मिक संस्कार प्रदान किया है जिसके फलस्वरूप गोधा परिवार की चार पीढ़ी आज भी संयुक्त रूप से अपने सामाजिक, धार्मिक एवं व्यवसायिक जिम्मेदारी का निर्वाहन कर रही है l गोधा (जैन) परिवार 45 सदस्यों का है जिसमें सबसे छोटा पड़पौत्र चि. निलय गोधा की उम्र 17 साल की है l परिवारजन मानव सेवा-माधव सेवा के क्षेत्र मे विशेष रूप से एक सदस्य द्वारा देहदान एवं 7 सदस्यों द्वारा नेत्रदान का संकल्प लिया गया है साथ ही परिवार के दिवंगत परिजनों की स्मृति को चिर स्थापित करने के उद्देश्य से रक्तदान के अलावा वृक्षारोपण कार्य धार्मिक एवं सामाजिक स्थल पर किया जाता है l परिवारजनों द्वारा हर त्योहारों को संयुक्त रूप से पूरे रीति रिवाजो के साथ मनाया जाता है l गोधा परिवार द्वारा जैन साधु संतों की चिकित्सा के लिए आयुर्वेदिक दवा बनाई जाती है और रोग अनुसार संतों तक पहुंचाने का कार्य विगत 20 वर्षो से किया जा रहा है, इतना ही नहीं दिगम्बर एवं श्वेतांबर जैन साधु संतों के आहार विहार मे भी परिवार के सभी छोटे बड़े सदस्य अग्रणी भूमिका निभाता आ रहा है निश्चित ही संयुक्त परिवार की ये धरोहर समाज के लिए प्रेरणादायी है। इस संयुक्त परिवार की व्यावसायिक पहचान पूरे क्षेत्र में जहां बांठिया के रूप में बनी है वहीं सामाजिक और धार्मिक क्षेत्र में गोधा परिवार के नाम से वशिष्ठ पहचान बनी हुई हैं। वर्तमान में गोधा परिवार के सदस्य अतुल जैन गोधा सामाजिक क्षेत्र में और विनय मोनू जैन गोधा की धार्मिक और संत सेवा में परिवार के मार्गदर्शक के रूप में सेवारत हैं।

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