प्लास्टिक कचरे के प्रबंधन में प्रदेश का दूसरा और सरगुजा संभाग का पहला जिला स्तरीय प्लास्टिक प्रोसेसिंग केन्द्र का शुभारंभ

जिले के 569 ग्राम पंचायतों की लगभग 2500 स्वच्छाग्राही दीदीयों को मिलेगा आर्थिक लाभ
लूण्ड्रा विधायक प्रबोध मिंज ने एम.आर.एफ. यूनिट का किया उद्घाटन
महिला सशक्तिकरण और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मिलेगी मजबूती- विधायक श्री मिंज



अम्बिकापुर. स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत सरगुजा जिले ने ठोस एवं प्लास्टिक कचरे के वैज्ञानिक और व्यवस्थित प्रबंधन में एक और उपलब्धि हासिल की है। अम्बिकापुर विकासखण्ड के ग्राम पंचायत दरिमा में जिला स्तरीय प्लास्टिक प्रोसेसिंग इकाई केन्द्र (एम.आर.एफ.) की स्थापना की गई है, जो कि प्रदेश में दूसरा एवं सरगुजा संभाग का पहला केंद्र है।
इस केन्द्र का उद्घाटन लूण्ड्रा विधायक श्री प्रबोध मिंज ने किया। इस अवसर जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती निरूपा सिंह, जिला पंचायत उपाध्यक्ष श्री देवनारायण यादव,जिला पंचायत सदस्य श्रीमती अनिमा केरकेट्टा, अम्बिकापुर जनपद पंचायत उपाध्यक्ष श्री सतीश यादव, जनपद सदस्य श्रीमती प्रसुन्न सिंह जनप्रतिनिधियों सहित बड़ी संख्या में ग्रामीणजन एवं जिला पंचायत सीईओ श्री विनय कुमार अग्रवाल सहित प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे।
विधायक श्री मिंज ने कहा कि स्वच्छता प्रबंधन के क्षेत्र में सरगुजा जिला आज पूरे अन्य जिलों के लिए रोल मॉडल बन रहा है। यह केन्द्र पर्यावरण संरक्षण, महिला सशक्तिकरण और ग्रामीण आजीविका संवर्धन का उत्कृष्ट उदाहरण बनकर उभरेगा। उन्होंने कहा कि यह केन्द्र न केवल पर्यावरण संरक्षण की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा, बल्कि महिला सशक्तिकरण और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती प्रदान करेगा।
जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती निरूपा सिंह ने कहा कि शहर ही नहीं गांव में भी प्लास्टिक कचरा का आज सबसे बड़ी समस्या है, प्लास्टिक न सड़ता है न गलता है, प्लास्टिक कचरे के प्रबंधन से हमारे पर्यावरण और जिले 569 गांव की महिलाओं को आर्थिक लाभ मिलेगा।
कार्यक्रम में जिला पंचायत सीईओ श्री विनय कुमार अग्रवाल ने कहा कि प्लास्टिक प्रदूषण आज विश्व स्तर पर एक गंभीर चुनौती है और इसे दूर करने के लिए ऐसे ठोस कदम आवश्यक हैं। जिले की यह पहल प्रधानमंत्री के “स्वच्छ भारत, स्वस्थ भारत” के संकल्प को मजबूत करेगी और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई दिशा देगी। उन्होंने कहा कि एम.आर. एफ. यूनिट से जिले के 569 ग्राम पंचायतों की लगभग 2500 स्वच्छाग्राही दीदीयों को कचरे के विक्रय पर सीधा आर्थिक लाभ मिलेगा। साथ ही, प्लांट में कार्यरत 30-35 महिलाओं को प्रतिमाह 7500 रुपये मानदेय पर रोजगार का अवसर प्राप्त होगा। यह केन्द्र महिलाओं को आत्मनिर्भर और आर्थिक रूप से सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगी।
गौरतलब है कि प्लास्टिक प्रोसेसिंग यूनिट के माध्यम से सभी ग्रामों में स्थापित सेग्रीगेशन शेड/कलस्टर से सूखा एवं ठोस कचरा उठाकर प्लास्टिक का प्रोसेसिंग भेजा जाएगा। जहां प्लास्टिक को पुनर्चक्रित कर दाने, गट्टे एवं अन्य उत्पाद तैयार किए जाएंगे। वर्तमान में प्लास्टिक के दानों से रस्सी बनाने का कार्य शुरू हो चुका है, जबकि आगामी समय में प्लास्टिक बाल्टी व डस्टबिन बनाने की दिशा में भी काम किया जा रहा है।
जिले के सभी 569 सेग्रीगेशन शेड एवं 7 प्लास्टिक प्रबंधन केन्द्रों को इस जिला स्तरीय इकाई से जोड़ा गया है। कार्य के प्रभावी संचालन हेतु 10-12 ग्रामों का क्लस्टर बनाकर जिला, जनपद एवं पंचायत स्तरीय अमलों को जिम्मेदारी दी गई है। साथ ही, नियमित मॉनिटरिंग एवं फॉलोअप कर कार्य की गुणवत्ता सुनिश्चित की जा रही है।