कांकेर में 21 नक्सलियों ने 18 ऑटोमैटिक हथियार के साथ किया आत्मसमर्पण

कांकेर । जिले में नक्सली संगठन के डीव्हीसीएम सेक्रेटरी मुकेश सहित 21 नक्सलियों में 8 पुरुष और 13 महिला नक्सली ने हिंसा का रास्ता छोड़कर रविवार को जंगल से निकलकर सभी आत्मसमर्पण करने के लिए हथियार के साथ कांकेर पहुंचे, इन 21 कैडरों में 4 डीव्हीसीएम, 9 एसीएम और 8 पार्टी सदस्य कैडर के नक्सली शामिल हैं।ये सभी नॉर्थ सब जोनल ब्यूरो अंतर्गत केशकाल डिवीजन, कुएमारी, किसकोडो एरिया कमेटी में सक्रिय थे। ये 21 नक्सली अपने साथ 3 एके-47, 4 एसएलआर, 2 इंसास, 6 नग 303, 2 नग सिंगल शॉट और 1 बीजीएल लॉन्चर जैसे कुल 18 ऑटोमैटिक हथियार भी साथ लाए हैं।पूना मार्गम : पुनर्वास के माध्यम से पुनर्जीवन” पहल के तहत एक और निर्णायक और महत्वपूर्ण कार्य आज, 26 अक्टूबर को बस्तर रेंज के कांकेर जि़ले में 21 नक्सलियों के आत्मसमर्पण के साथ संपन्न हुआ है।इन 21 नक्सली कैडरों के समाज में पुनर्वास और पुनर्समावेशन के लिए आवश्यक विधिक प्रक्रिया जारी है, सभी नक्सलियों के नाम एवं ईनामी राशि का विवरण उपयुक्त समय पर साझा किए जाने की बात कही गई है।उल्लेखनीय है कि 7 अक्टूबर को नक्सलियों के माड़ डिवीजन की तरफ से एक पर्चा जारी हुआ था, जिसमें कहा गया था, कि 15 अक्टूबर को नक्सली हथियार डालेंगे, वहीं 17 अक्टूबर को आधिकारिक रूप से सीसीएम रूपेश सहित कुल 210 नक्सलियों ने हिंसा का रास्ता छोड़े और जगदलपुर में डीजीपी, एडीजीपी, बस्तर आईजी के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिए थे। जिसके बाद छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और गृहमंत्री विजय शर्मा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस ली थी।जिसमें उन्होंने कहा था कि केशकाल इलाके के कुछ नक्सलियों ने आत्मसमर्पण नहीं किया है। लेकिन जल्द ही वे भी आत्मसमर्पण कर लेंगे।आज इन 21 नक्सलियों के आत्मसमर्पण करने के बाद माड़ डिवीजन, इंद्रावती एरिया कमेटी, उत्तर बस्तर डिवीजन लगभग पूरी तरह से नक्सल मुक्त हो गया है। विदित हो कि पिछले 10 दिन में बस्तर में ही 231 नक्सलियों ने हथियार के साथ हिंसा का रास्ता छोड़ दिया है।जबकि, पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में नक्सली लीडर भूपति समेत 61 नक्सलियों ने हिंसा का रास्ता छोड़ा और हथियार डाल दिए। इस तरह पिछले 15 दिनों के अंदर इन दोनों जगहों पर कुल 292 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है।मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि “पूना मारगेम” से न केवल जनविरोधी माओवादी विचारधारा का खात्मा हो रहा है बल्कि बस्तर में हो शांति की स्थापना हो रही है।मुख्यमंत्री साय ने कहा कि आज कांकेर जिले में “पूना मारगेम – पुनर्वास से पुनर्जीवन” पहल के तहत 21 नक्सलियों ने हिंसा का रास्ता छोड़कर आत्मसमर्पण किया है। यह हमारी “आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति – 2025” और “नियद नेल्ला नार योजना” की सफलता का सार्थक प्रमाण है, जिससे नक्सल प्रभावित इलाकों में विश्वास और बदलाव की नई बयार बह रही है।माओवाद की झूठी विचारधारा से भटके युवा भी अब यह समझने लगे हैं कि बंदूक नहीं, विकास की राह ही भविष्य का सही विकल्प है। हमारी सरकार इन आत्मसमर्पित नक्सलियों के पुनर्वास और पुनरुत्थान के लिए पूर्णत: प्रतिबद्ध हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और केन्द्रीय गृहमंत्री श्री अमित शाह के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार ने बस्तर के लोगों का विश्वास जीता है, उसी का परिणाम है कि लगातार माओवादी संगठन कमजोर हो रहे हैं और बड़ी संख्या में वे हिंसा का रास्ता छोड़ रहे हैं। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि बस्तर अंचल में नक्सलवाद की कमर टूट चुकी है और बस्तर तेजी से शांति और विकास की ओर बढ़ रहा है। हमारी डबल इंजन की सरकार 31 मार्च 2026 तक देश को नक्सलमुक्त बनाने के लिए संकल्पबद्ध है।




