पाकिस्तान में मच गई दहशत; 90-100 के बीच आतंकी ढेर, Operation Sindoor से लहूलुहान हुआ इस्लामाबाद

पहलगाम हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों से आतंकवाद के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने का वादा किया था। उन्होंने कहा था कि आतंकियों की बची-खुची पनाहगाहों को समाप्त कर दिया जाएगा। इस उद्देश्य के लिए भारत के सुरक्षाबलों को पूरी छूट दी गई थी। 7 मई को लगभग 1:44 बजे सुरक्षाबलों ने पीओके और पाकिस्तान में स्थित आतंकवादियों के 9 ठिकानों पर हमला किया।



इस कार्रवाई में अब तक 90 से 100 आतंकी मारे जाने का दावा किया जा रहा है। मुरदीके में 30 आतंकवादियों को ढेर किया गया, जबकि अन्य ठिकानों पर भी कई आतंकवादी मारे गए हैं।
सूत्रों के मुताबिक, भारतीय वायुसेना के मिराज-2000 और सुखोई-30 एमकेआई जैसे एडवांस फाइटर जेट्स ने बहावलपुर, कोटली और मुजफ्फराबाद समेत 9 क्षेत्रों को निशाना बनाया। ये इलाके लंबे समय से जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठनों के गढ़ माने जाते हैं। आतंकवादी हमलों की योजनाएं भी यहीं बनाई जाती है। हाफिज सईद इसी जगह से अपने भाषणों के जरिए भारत के खिलाफ नफरत फैलाता था।
“Operation Sindoor” 7 मई 2025 को भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा चलाया गया एक ऐतिहासिक सैन्य अभियान था, जिसका उद्देश्य पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी ठिकानों को नष्ट करना था। यह ऑपरेशन 22 अप्रैल को जम्मू और कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र में बैसरन में हुए आतंकवादी हमले का प्रतिशोध था, जिसमें 26 लोग मारे गए, जिनमें एक स्थानीय नागरिक भी शामिल था।
इस हमले के बाद से यह अटकलें लगाई जा रही थीं कि भारत आतंकवादियों के ठिकानों पर सख्त कार्रवाई करेगा, और इस बारे में प्रधानमंत्री ने भी संकेत दिए थे।
भारत सरकार ने अपने बयान में कहा कि इस ऑपरेशन का उद्देश्य पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में स्थित आतंकवादी ढांचे को निशाना बनाना था, जहां से भारत पर आतंकी हमलों की योजना बनाई जा रही थी। वहीं, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भारत की ओर से किए गए एयरस्ट्राइक को ‘कायरतापूर्ण’ करार दिया है।
हमले केवल भारतीय क्षेत्र से किए गए
हमलों में भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना की सटीक हमलावर हथियार प्रणालियों का उपयोग किया गया, जिसमें लोइटरिंग म्यूनिशन भी शामिल था। पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में स्थित आतंकवादी शिविरों पर हमलों के निर्देशांक खुफिया एजेंसियों ने प्रदान किए थे। ये हमले केवल भारतीय क्षेत्र से किए गए थे।
एएनआई के मुताबिक, सूत्रों ने यह भी बताया कि भारतीय बलों ने जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर के उच्चतम नेतृत्व को निशाना बनाने के लिए, जो भारत में आतंकवादी गतिविधियों को प्रायोजित करने में शामिल थे, हमलों के लिए विशिष्ट स्थान चुने थे।