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24 साल बाद भी ‘लगान’ का जलवा कायम, आमिर खान को मिला बड़ा सम्मान, द एकेडमी ने शेयर किया स्पेशल पोस्ट

मुंबई: मशहूर अभिनेता आमिर खान अक्सर अपनी धमाकेदार फिल्मों को लेकर सुर्खियों में रहते हैं। इन दिनों एक्टर अपनी नई फिल्म सितारें जमीन पर की वजह से छाए हुए हैं। लेकिन इन सबके बीच उनकी फिल्म ‘लगान’ भारतीय सिनेमा की आइकॉनिक फिल्मों में से एक है।
हालांकि, इस फिल्म को रिलीज हुए भले ही 24 साल हो गए हों, लेकिन इसकी लोकप्रियता में आज भी कोई कमी नहीं आई है। 2001 में रिलीज हुई इस ऐतिहासिक खेल-ड्रामा फिल्म को अब एक बार फिर वैश्विक मंच से सराहना मिली है। ऑस्कर पुरस्कार देने वाली संस्था द एकेडमी ऑफ मोशन पिक्चर आर्ट्स एंड साइंसेज ने हाल ही में फिल्म के मशहूर गाने ‘राधा कैसे न जले’ की क्लिप अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम पेज पर साझा की है और फिल्म के ऐतिहासिक महत्व को लेकर तारीफ की है।
इस फिल्म के गाने को मशूहर सिंगर आशा भोसले और जाने-माने गायक उदित नारायण ने गाया था। यह गीत ना केवल फिल्म का हिस्सा थी, बल्कि भारतीय लोक संस्कृति की झलक भी थी, जिसे लोगों बेहद पसंद किया था।
लगान एक पीरियड स्पोर्ट्स ड्रामा फिल्म थी, जिसका निर्देशन आशुतोष गोवारीकर ने किया था और आमिर खान इसके मुख्य अभिनेता और निर्माता थे। फिल्म की कहानी 1893 के ब्रिटिश काल में एक छोटे से गांव चंपानेर की है, जहां सूखा और भारी कर ने लोगों की ज़िंदगी मुश्किल बना दी है। आमिर खान द्वारा निभाया गया किरदार भुवन, गांववालों को अंग्रेज अधिकारियों के खिलाफ क्रिकेट मैच खेलने के लिए प्रेरित करता है। एक ऐसी कहानी जो उम्मीद, एकता और संघर्ष की मिसाल बन गई।
इस फिल्म में ग्रेसी सिंह, रघुबीर यादव, सुहासिनी मुलाय, कुलभूषण खरबंदा, राजेंद्र गुप्ता और ब्रिटिश कलाकार रेचल शेली व पॉल ब्लैकथॉर्न ने भी अहम भूमिकाएं निभाईं। लगान को उसकी कहानी, संगीत, निर्देशन और अभिनय के लिए न केवल भारत में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी खूब सराहना मिली।
लगान को 74वें ऑस्कर अवॉर्ड्स में बेस्ट फॉरेन लैंग्वेज फिल्म के लिए नामांकित किया गया था। यह मदर इंडिया और सलाम बॉम्बे के बाद तीसरी भारतीय फिल्म थी जिसे यह सम्मान मिला। भले ही फिल्म ऑस्कर नहीं जीत सकी, लेकिन इसने भारतीय सिनेमा को वैश्विक मानचित्र पर मजबूती से स्थापित किया।