छत्तीसगढ़

शिक्षक विहीन स्कूलों को मिले शिक्षक, प्रेमनगर में शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार

 

रायपुर. मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व वाली सरकार की युक्तियुक्तकरण नीति के तहत यह महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। इस पहल से न केवल विद्यालयों को बल मिला है, बल्कि विद्यार्थियों को अब नियमित और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलने का मार्ग भी प्रशस्त हुआ है। यह सीधे तौर पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की शिक्षा के प्रति प्रतिबद्धता और प्रदेश में शैक्षणिक गुणवत्ता बढ़ाने की दूरदृष्टि को दर्शाता है। उनका यह निर्णय ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा का स्तर ऊपर उठाने और हर बच्चे तक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने की सरकार के संकल्प को मजबूत करता है।

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सूरजपुर जिले के प्रेमनगर विकासखंड में, उन स्कूलों को अब शिक्षक मिल गए हैं जो लंबे समय से शिक्षकों की कमी का सामना कर रहे थे। इस योजना के अंतर्गत, विभिन्न प्राथमिक शालाओं में शिक्षकों की पदस्थापना की गई है, जिससे बच्चों की पढ़ाई सुचारु रूप से चल सकेगी। ग्राम पंचायत दुर्गापुर के प्राथमिक शाला कांदाबाड़ी में श्री सोमार साय और श्री बैजनाथ सिंह को पदस्थ किया गया है। वहीं ग्राम पंचायत नवापाराकला के प्राथमिक शाला पीपरडाड़ में श्री किशुन राम मराबी और श्री राजेंद्र जायसवाल ने कार्यभार संभाला है। ग्राम पंचायत रामेश्वरनगर के प्राथमिक शाला सोहरगढ़ई में श्री रामेश्वर पोर्ते और श्री ललित कुमार मराबी की नियुक्ति हुई है। चंदननगर पंचायत के प्राथमिक शाला भंडारपारा में श्रीमती नरबदी साहू और श्री हीरेंद्र सिंह को पदस्थ किया गया है। 

इसके अतिरिक्त, ग्राम पंचायत कंचनपुर के प्राथमिक शाला घोघरापारा में सुश्री मनीषा एक्का और श्री अजहरुद्दीन अंसारी को नियुक्त किया गया है। मुख्यालय ग्राम पंचायत प्रेमनगर की कन्या प्राथमिक शाला प्रेमनगर में श्रीमती वंदना जायसवाल और श्रीमती शिमला जायसवाल को पदस्थापित किया गया है। यह कदम उन विद्यार्थियों को बड़ी राहत देगा जिनकी शिक्षा शिक्षकों की कमी के कारण बाधित हो रही थी। 

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