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इस्तीफे के बाद पहली बार नजर आए जगदीप धनखड़, होम मिनिस्टर अमित शाह से हुई नमस्ते

नई दिल्ली. देश के नए उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन का आज शपथ समारोह था। उन्होंने पद एवं गोपनीयता की शपथ ली। इस मौके पर उनसे पहले उपराष्ट्रपति रहे जगदीप धनखड़ भी पहुंचे, जिनके 22 जुलाई को अचानक इस्तीफा देने के बाद पद खाली हुआ था और फिर 9 सितंबर को चुनाव हुआ। यह पहला मौका था, जब इस्तीफे के बाद जगदीप धनखड़ सार्वजनिक तौर पर नजर आए। उनके अलावा पूर्व राष्ट्रपति वेंकैया नायडू और हामिद अंसारी भी शपथ समारोह में पहुंचे। इस्तीफे के बाद से ही जगदीप धनखड़ देखे नहीं गए थे और विपक्ष की ओर से लगातार सवाल दागे जा रहे थे कि आखिर वह कहां हैं और कैसे हैं।

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जगदीप धनखड़ के समारोह में पहुंचने पर गृहमंत्री अमित शाह से उनकी भेंट हुई और शाह ने उनका अभिवादन किया। उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश बी आर गवई ने भी धनखड़ से मुलाकात की और उनका हालचाल जाना। वहीं जब श्री राधाकृष्णन शपथ ग्रहण के लिए पहुंचे तो धनखड़ ने खड़े होकर उनका अभिवादन किया। दोनों नेताओं ने कुछ क्षण के लिए आपस में बातचीत की। बता दें कि धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों के आधार पर अपने पद से 22 जुलाई को त्यागपत्र दे दिया था। उसके बाद से करीब डेढ़ महीने से अधिक की अवधि में वह किसी भी कार्यक्रम में नहीं दिखे।

उनकी मौजूदगी ने ऐसे सभी कयासों का अंत किया है। शपथ समारोह में वह मेहमान की तरह पहुंचे और खुद से भी पहले राष्ट्रपति रहे वेंकैया नायडू एवं हामिद अंसारी के बगल में बैठे नजर आए। इस मौके पर एमपी से सीएम मोहन यादव, हरियाणा के नायब सिंह सैनी और उत्तराखंड के पुष्कर सिंह धामी समेत कई सीनियर नेता पहुंचे। पीएम नरेंद्र मोदी, अमित शाह, जेपी नड्डा, राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी और अन्य केंद्रीय मंत्री भी इस समारोह का हिस्सा बने।

एनडीए सूत्रों का कहना है कि मुहूर्त देखकर राधाकृष्णन का शपथ समारोह आयोजित कराया गया है। ओडिशा के सीएम मोहन माझी, कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत, झारखंड के संतोष गंगवार, चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाब चंद कटारिया भी इस मौके पर नजर आए। राधाकृष्णन देश के 15वें उपराष्ट्रपति बने हैं। उन्हें 9 सितंबर को हुए चुनाव में कुल 452 वोट मिले थे, जबकि विपक्ष के कैंडिडेट बी. सुदर्शन रेड्डी के खाते में 300 वोट ही आ सके।

उपराष्ट्रपति बनने से पहले सीपी राधाकृष्णन महाराष्ट्र में राज्यपाल के तौर पर अपनी सेवाएं दे रहे थे। अब महाराष्ट्र के राज्यपाल का अतिरिक्त प्रभार गुजरात के गवर्नर आचार्य देवव्रत को दिया गया है। राधाकृष्णन की तमिलनाडु के मोदी के तौर पर ख्याति रही है। उन्होंने कोयंबटूर सीट से लोकसभा चुनाव में दो बार जीत हासिल की थी। इसके अलावा वह तमिलनाडु के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे हैं।

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