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आर अश्विन के बाद एक और भारतीय स्पिनर ने किया रिटायरमेंट का ऐलान

आर अश्विन के बाद भारत के एक और स्पिनर ने रिटायरमेंट का ऐलान कर दिया है। 25 साल तक प्रोफेशनल क्रिकेट में एक्टिव रह अमित मिश्रा ने गुरुवार 4 सितंबर को क्रिकेट के सभी रूपों से रिटायरमेंट की घोषणा कर दी। वे इंटरनेशनल क्रिकेट और आईपीएल के साथ-साथ भारत की डोमेस्टिक क्रिकेट में भी नजर नहीं आएंगे। हालांकि, अब वे दुनिया के अन्य टी20 लीगों में खेल सकते हैं।

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भारत के सबसे निरंतर गेंदबाजों में से एक रहे अमित मिश्रा ने अपने रिटायरमेंट की जो वजह बताई है, उसे जानकर आप भी उनकी तारीफ करेंगे। अमित मिश्रा ने कहा कि यह निर्णय मुख्य रूप से बार-बार चोट लगने और इस विश्वास पर आधारित है कि युवा पीढ़ी को बड़े मंच पर चमकने का अवसर दिया जाना चाहिए। प्रेस रिलीज जारी करते हुए अमित मिश्रा ने अपने रिटायरमेंट की जानकारी दी।

अमित मिश्रा का करियर

अमित मिश्रा ने 22 टेस्ट, 36 वनडे और 10 टी20 इंटरनेशनल मैच भारत के लिए खेले हैं। उन्होंने 2003 में इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू किया था और आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच उन्होंने 2017 में खेला था। पिछले 8 साल से वे आईपीएल और घरेलू क्रिकेट में एक्टिव थे। टेस्ट में 76, वनडे में 64 और टी20आई क्रिकेट में 16 विकेट उन्होंने चटकाए थे। 174 विकेट उनके नाम आईपीएल में हैं। कुल 152-152 फर्स्ट क्लास और लिस्ट ए मैचों का अनुभव भी उनके पास है। 259 टी20 मैच भी वे अपने करियर में खेले हैं।

अपने पूरे करियर के दौरान अमित मिश्रा ने अपनी स्पिन गेंदबाजी की स्किल से भारत को कई मैच जिताए और वे आईपीएल में भी बड़ा नाम रहे। इंडियन प्रीमियर लीग दुनिया की शीर्ष टी20 लीग है और इस लीग में उनका प्रदर्शन कमाल का रहा है। अपने संन्यास पर अमित मिश्रा ने कहा, “क्रिकेट में मेरे जीवन के ये 25 साल यादगार रहे हैं। मैं बीसीसीआई, प्रशासन, हरियाणा क्रिकेट संघ, सहयोगी स्टाफ, अपने साथियों और अपने परिवार के सदस्यों का तहे दिल से आभारी हूं जो इस दौरान मेरे साथ रहे।”

उन्होंने आगे लिखा, “मैं उन प्रशंसकों का शुक्रिया अदा करना चाहता हूं, जिनके प्यार और समर्थन ने, जब भी और जहां भी मैंने खेला, इस सफर को यादगार बना दिया। क्रिकेट ने मुझे अनगिनत यादें और अमूल्य सीख दी हैं और मैदान पर बिताया हर पल एक ऐसी याद बन गया है, जिसे मैं जीवन भर संजो कर रखूंगा।” भविष्य में अमित मिश्रा का इरादा खेल में यथासंभव शामिल रहने का है, चाहे वह कोचिंग, कमेंट्री या युवा क्रिकेटरों के मार्गदर्शन के माध्यम से हो।

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