भारत

अमरनाथ यात्रा 2025 से पहले घाटी में सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम, 42,000 जवान तैनात

श्रीनगर: अमरनाथ यात्रा हर साल लाखों श्रद्धालुओं के लिए एक पवित्र अवसर होता है. इस बार यह यात्रा 3 जुलाई से शुरू होकर 9 अगस्त तक चलेगी. 38 दिनों तक चलने वाली यह यात्रा जम्मू-कश्मीर के दो रास्तों से होकर पवित्र ‘अमरनाथ गुफा तक जाती है — एक रास्ता पहलगाम से है जो करीब 48 किलोमीटर लंबा है, और दूसरा बालटाल से है, जो 14 किलोमीटर का छोटा लेकिन कठिन रास्ता है.

ADs ADs ADs

हाईटेक निगरानी के साथ भारी सुरक्षाबल
इस साल सुरक्षा के खास इंतज़ाम किए गए हैं. अप्रैल में पहलगाम में एक बड़ा आतंकी हमला हुआ था जिसमें 26 लोगों की जान चली गई थी. इसके बाद सरकार ने अमरनाथ यात्रा के लिए सुरक्षा बढ़ा दी है. करीब 42,000 से ज्यादा सुरक्षाबलों को जम्मू-कश्मीर में तैनात किया गया है. ये जवान केंद्रीय अर्धसैनिक बलों से हैं जैसे कि CRPF, BSF, CISF, ITBP और SSB. सिर्फ जवानों की तैनाती ही नहीं, बल्कि सुरक्षा के लिए आधुनिक तकनीक का भी इस्तेमाल किया जा रहा है. जगह-जगह CCTV कैमरे लगाए गए हैं, ड्रोन से निगरानी की जा रही है और AI तकनीक से खतरे की पहचान की जा रही है. सुरक्षा एजेंसियाँ और सेना आपस में मिलकर काम कर रही हैं ताकि किसी भी खतरे से पहले ही निपटा जा सके.

सुरक्षा के साथ सुविधाओं पर भी ज़ोर
सुरक्षा के साथ-साथ बाकी ज़रूरी तैयारियां भी चल रही हैं. सड़कों की मरम्मत, मेडिकल कैंप, आपातकालीन सेवाएं और भीड़ को संभालने के लिए विशेष इंतज़ाम किए गए हैं. स्थानीय प्रशासन और लोगों की मदद से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि यात्रा में किसी को परेशानी न हो. पिछले साल रिकॉर्ड 5.12 लाख श्रद्धालु अमरनाथ गुफा पहुंचे थे. इस साल यह संख्या और भी बढ़ सकती है. अमरनाथ गुफा समुद्र तल से 3,888 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है. यहां एक बर्फ से बना प्राकृतिक शिवलिंग होता है, जिसे भगवान शिव का प्रतीक माना जाता है.

सरकार का कहना है कि यह यात्रा सिर्फ आस्था की नहीं, बल्कि देश की एकता और हिम्मत की भी मिसाल है. हम सिर्फ़ तीर्थयात्रियों की सुरक्षा नहीं कर रहे, बल्कि हमारी सदियों पुरानी परंपरा और विश्वास की भी रक्षा कर रहे हैं.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button