छत्तीसगढ़

दिव्यांग बच्चों के लिए स्पेशल ओलंपिक: बिलासपुर में हुई राष्ट्रीय बोच्ची चैंपियनशिप

बौद्धिक दिव्यांग बच्चों ने दिखाई अपनी प्रतिभा

बिलासपुर की सिमरन पुजारा ने जीते दो स्वर्ण पदक

रायपुर,  स्पेशल ओलंपिक भारत छत्तीसगढ़ एवं अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में राष्ट्रीय बोच्ची प्रतियोगिता का आयोजन 24 से 28 जुलाई तक पंडित सुंदरलाल शर्मा विश्वविद्यालय, बिलासपुर में किया गया। प्रतियोगिता में देशभर के 22 राज्यों से 250 बौद्धिक दिव्यांग एथलीट, 50 कोच और 20 रिसोर्स पर्सन शामिल हुए। जहां बौद्धिक रूप से दिव्यांग बच्चों ने अपनी खेल प्रतिभा का प्रदर्शन किया।

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     समारोह का शुभारंभ बिलासपुर विधायक श्री अमर अग्रवाल ने ओलंपिक की परंपरागत शपथ के साथ किया। श्री अग्रवाल ने कहा कि इस तरह के समावेशी आयोजन से इन विशेष बच्चों को समाज की मुख्य धारा से जुड़ने का अवसर और उनकी प्रतिभा और आत्मविश्वास को बढ़ाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि खेल एक अच्छा माध्यम है जिसमें खिलाड़ी हारता या जीतता नहीं बल्कि एक दूसरे से जुड़ता भी है। पांच दिवसीय इस आयोजन में सब-जूनियर, जूनियर और सीनियर वर्गों के सिंगल्स, डबल्स और यूनिफाइड मुकाबले आयोजित किए गए। यूनिफाइड गेम्स की खास बात यह रही कि इनमें सामान्य खिलाड़ी और दिव्यांग खिलाड़ी साथ मिलकर खेले, जिससे समावेशिता और आपसी समझ को बढ़ावा मिला। 

    चैंपियनशिप में बिलासपुर जिले की सिमरन पुजारा और सौम्या तिवारी की जोड़ी ने यूनिफाइड सीनियर कैटेगरी में शानदार प्रदर्शन करते हुए दो स्वर्ण पदक अपने नाम किए। अन्य प्रमुख विजेताओं में दिल्ली, झारखंड, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, गुजरात, हिमाचल प्रदेश और बिहार के खिलाड़ी शामिल रहे। प्रतियोगिता के दौरान खिलाड़ियों के लिए हेल्थ चेकअप, डेंटल शिविर और पोषण परामर्श की व्यवस्था की गई। स्पेशल ओलंपिक भारत के एरिया डायरेक्टर डॉ. प्रमोद तिवारी ने संस्था की गतिविधियों, हेल्थ प्रोग्राम, फैमिली फोरम, यंग एथलीट कार्यक्रम की जानकारी दी। यूनिफाइड खेलों से दिव्यांग खिलाड़ियों में आत्मविश्वास और समाज से जुड़ाव दोनों बढ़ता है। 

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