भारतमध्य प्रदेश

रीवा की महना नदी ने डुबाया पुल, ऑटो से अस्पताल जा रही गर्भवती की मौत

रीवा: जवा तहसील से महना नदी में बाढ़ के पानी की वजह से रूह कंपाने वाली घटना सामने आई. बाढ़ का पानी पुल पर आ जाने से गर्भवती महिला अस्पताल नहीं पहुंच सकी. वह करीब 2 घंटे तक रास्ते पर तड़पती रही. समय पर इलाज न मिल पाने के चलते रास्ते में ही तड़प तड़प कर उसकी दर्दनाक मौत हो गई. प्रिया रानी कोल 8-9 महीने की गर्भवती थी. अचानक से उनको लेबर पेन शुरू हुआ. परिजन उन्हें ऑटो से अस्पताल लेकर जा रहे थे, लेकिन नदी उफान पर होने के कारण आगे नहीं जा सके और महिला की दर्द से तड़प तड़प पर बीच रास्ते में मौत हो गई.

ADs ADs ADs

महिला के परिजन पंकज कोल ने बताया कि “महिला के शव को ससुराल तक ले जाने के लिए करीब 40 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ा. बारिश के चलते यह सफर बहुत कष्टदायक था. हम लोग कच्ची और कीचड़ भरे रास्ते पर कुछ दूर ट्रैक्टर से तो कुछ दूर चारपाई तो कुछ दूर तक पैदल चलकर महना नदी भी पार किया, तब कहीं जाकर महिला के शव को लेकर ससुराल पहुंचे, जहां उसका सोमवार को अंतिम संस्कार किया गया.”

बीते दिनों हुई बारिश से जिले में बाढ़ जैसे हालात है. कई गांवों का मुख्य मार्गों से संपर्क टूट गया है. नदी नालों उफान पर चल रहे हैं और रपटा पुल डूब गए हैं. गावों को जोड़ने वाली सड़कें पानी के तेज बहाव में बह गई हैं. ऐसी ही स्थिति जावा तहसील क्षेत्र में बनी हुई है. महना नदी तेज वेग में बह रही है. इसी दरमियान भनिगवां मे रहने वाले सोनू कोल की पत्नी प्रिया रानी कोल को लेबर पेन हुआ और वो घर से निकली थीं.

बारिश के दिनों में उसे डिलीवरी के लिए अस्पताल जाने में ज्यादा कठिनाई न हो इसके लिए वह कुछ दिन पूर्व ही ससुराल से 40 किलोमीटर दूर अपने मायके चली गई. क्योंकि ससुराल से अस्पताल जाने के लिए अच्छी सड़क और साधन नहीं था. वह चाहती थी सुरक्षित डिलीवरी हो जाए, लेकिन दुर्भाग्य देखिए कि बारिश की वजह से मायके से अस्पताल तक जाने वाला रास्ता भी बंद हो गया और उसकी बीच रास्ते में दर्दनाक मौत हुई.

गांव में ही एक क्लिनिक चलाने वाले डॉक्टर को मौके पर बुलाया गया. उसने देखते ही महिला को मृत घोषित कर दिया. किसी तरह महिला के शव को वापस उसके मायके लाया गया, लेकिन जब अंतिम संस्कार के लिए उसे ससुराल ले जाने की बारी आई तब उसके परिजनों को बड़ी जद्दोजहद करना पड़ी. शव को मायके से ससुराल तक ले जाने के लिए परिजनों को 40 किलमीटर का लम्बा नर्क से भी बदत्तर कहे जाने वाले रास्ते का सफर तय करना पड़ा. सड़क पूरी तरह खस्ताहाल और कीचड़ भरे रास्तों से जैसे तैसे नदी पार करते हुए शव को ससुराल पहुंचाया गया, जहां उसका अंतिम संस्कार हुआ.

उर्मिला कोल ने बताया कि “प्रिया रानी का पहले से एक बेटा है. वह 8 से 9 महीने की गर्भवती थी. बाढ़ के चलते अस्पताल पहुंचने में काफी दिक्कतें आई. रास्ते में बाढ़ के चलते वाहन फंस गया, जिसके बाद ज्यादा तबीयत खराब होने से प्रिया रानी की मौत हो गई.” बाढ़ के चलते नदी में उफान था और पुल में पानी आने के कारण परिवार के लोगों ने करीब 40 किलोमीटर का चक्कर काटकर दूसरे रास्ते से बहु के शव को मायके से ससुराल पहुंचाया है. उन्होंने कहा अगर गांव की मुख्य सड़क पक्की होती तो शायद आज यह दिन नहीं देखना पड़ता.”

घटना पर रीवा की कलेक्टर प्रतिभा पाल ने कहा, “बरसात का समय चल रहा है. विषय के बारे में हम लोगों द्वारा जानकारी ली जाएगी. सामान्यतः किसी भी गांव की प्रधानमंत्री सड़क अन्य सुविधाओं से है या यदि कोई ग्राम पंचायत ऐसी है, जिसमें नदी या नाला पार करने को लेकर कोई दिक्कत है, तो उसका परीक्षण हम लोग प्राथमिकता से करवा लेंगे

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button