
रायपुर। मदरसा इस्लाहुल मुस्लेमीन बैजनाथपारा रायपुर के मोहतमिम और रायपुर शहर के काज़ी हज़रत मोहम्मद अली फारूकी साहब का मंगलवार दिनांक 21/10/2025 को बाद नमाज़ मगरिब इंतकाल हो गया। उन्होंने अपनी आखरी सांस राजधानी के MMI हॉस्पिटल में ली जहां उनका कुछ दिनों से इलाज चल रहा था और कुछ सर्जरियां भी हुई बावजूद इसके उन्होंने मंगलवार को दुनियां को अलविदा कह दिया। बता दें कि उनका अंतिम घर यानी क़यामगाह धरसीवां के चरोदा गांव में होगा जो कि उनकी वसीयत के अनुसार है। बताया गया है कि उनकी नमाज़ ए जनाज़ा आज दिनांक 22/10/2025 बुधवार को बाद नमाज़ मगरिब बैजनाथपारा रायपुर में होगी, जिसके बाद उन्हें धरसीवां के चरोदा गांव में ले जाया जाएगा और वहीं उनकी मज़ार शरीफ की तामीर कराई जाएगी।
बता दें कि हज़रत मोहम्मद अली फारूकी साहब जानशीने हुज़ूर मोहसिन मिल्लत और बाबा फरीद गंज शकर रह. की औलाद में से थे और इल्म दुनियां के बड़े माहिरिनो में से एक थे। अहले सुन्नत वल जमात के एक अज़ीम रहनुमा इल्मे दीन के महारथी और रूहानी दुनियां के बेताज बादशाह रहे है। लोग उन्हे बड़े हज़रत के नाम से पुकारा करते थे, जिनके मुरीद सिर्फ छत्तीसगढ़ में ही नहीं बल्कि पूरे भारत में मौजूद है। उन्हें कई सिलसिलों से खिलाफत हासिल थी, परंतु वह केवल क़ादरी सिलसिले से लोगो को मुरीद करते थे। उन्होंने अपनी जिंदगी में कई किताबें लिखी है। उनके चले जाने से उनके मुरीदों और चाहने वालों में काफी मायूसी है, सभी की आँखें नम है। लोगो का कहना है कि वह भले ही हमें छोड़ कर चले गए है, लेकिन वह हमारे दिलों में हमेशा ज़िंदा रहेंगे।




