छत्तीसगढ़

कौशल के कलाकारों ने बिखेरा सुरों का जादू, दिल में हो तुम जैसे गानों पर झूमें श्रोता

राजधानी के मायाराम सुरजन हाल में हुआ आयोजन रायपुर। राजधानी रायपुर के मयाराम सुरजन हाल में कौशल के कलाकारों ने एक बार फिर सुरों का जादू बिखेरा। पतझड़, बसंत, बहार के नाम से आयोजित इस कार्यक्रम में 14 गायकों ने अपनी गायकी से श्रोताआें को झूमने पर मजबूर दिया। कलाकार कौशल के संचालक कौशल स्वर्णबेर ने बताया कि यह उनका दूसरा कार्यक्रम था। इससे पहले आठ जुलाई को मानसूनी फुहार को भी श्रोताआें ने बेहद पसंद किया था। शनिवार को भगवान गणेश के भजन देवा हो देवा गणपति देवा से कार्यक्रम का शुरुआत हुई। कार्यक्रम में गायक महेश रजक ने पर्दा है पर्दा… परदे के पीछे, आलोक कुंभार ने तेरी दीवानी हो गई मैं तेरी दीवानी, मनोहर नागवानी ने अभी तो हाथ में जाम है तौबा कितना काम है, दिलीप श्रीवास्तव ने कई सदियों से कई जन्मों से, कुशल राठौर – गुलाबी आंखें जो तेरी देखी, शराबी ये दिल हो गया जैसे गानों पर अपनी प्रस्तुति दी। इसी तरह नमन सिन्हा ने आईएम डिस्को डांसर, पवन क्षत्रे ने सोचेंगे तुम्हे प्यार करें कि नहीं, ब्यूटी सिन्हा ने रोज-रोज आंखों तले, अरुण पटले ने मेरे सपनों की रानी कब आएगी तू, विजय चिमनानी ने चेहरा है या चांद खिला है, सुबोध फ्रेंकलिन ने तेरे चेहरे में वो जादू है, संजय वर्मा ने सारा जमाना, हसीनों का दीवाना, कौशल स्वर्णबेर ने दिल में हो तुम, आंखों में तुम आैर डा. नेहा साहू ने देखा एक ख्बाव तो ये सिलसिले हुए गाने पर बेहतरीन प्रस्तुति दी। इस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण यू-ट्यूब चैनल भी किया गया था।सभी मार्निंग वाक करते हुए बने गायकसंचालक कौशल स्वर्णबेर ने बताया कि इस टीम की सबसे खास बात यह है कि सभी कलाकार सीएम हाउस के पीछे स्थित गांधी उद्यान में मािर्नंग वाक ग्रुप के साथी हैं। वाक करते-करते सभी ने सिस्टम खरीदा आैर फिर गाने गाते हुए अब गायक बन गए हैं। सभी कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति से इस बात का अहसास नहीं हाेने दिया कि इनमें कोई कलाकार नौसिखिए हैं।

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