वक्ता मंच द्वारा प्रदेश के 100 रचनाकारों का सम्मान , विमोचन एवं काव्य गोष्ठी संपन्न

रायपुर l प्रदेश की अग्रणी सामाजिक संस्था वक्ता मंच द्वारा 20 अप्रैल को राजधानी के वृन्दावन सभागृह में प्रदेश के 100 से अधिक रचनाकारों का सम्मान किया गया l वक्ता मंच द्वारा विगत 31 वर्षों से प्रतिवर्ष आयोजित होने वाली इस सम्मान श्रृंखला के तहत अब तक प्रदेश के 5000 से अधिक रचनाकारों को प्रोत्साहित किया जा चुका है l
आयोजन में यतीश श्रीवास्तव, एम. राजीव, खेमेश्वर पुरी गोस्वामी, शिव शंकर सोनपिपरे, शुभा शुक्ला ‘ निशा’ एवं पी. के. त्रिपाठी अतिथि की आसंदी पर सुशोभित थे l
कार्यक्रम का प्रभावी संचालन वक्ता मंच के अध्यक्ष राजेश पराते एवं बेहतरीन संयोजन मंच के संयोजक शुभम साहू द्वारा किया गया l इस अवसर पर डॉ लुनेश कुमार वर्मा के 2 काव्य संग्रह ‘ मन का दर्पण’ एवं ‘ नव प्रभात ‘ का विमोचन एवं सुधा देवांगन शुचि के काव्य संग्रह ‘ मेरा भारत महान ‘ का लोकार्पण भी संपन्न हुआ l
अतिथियों ने अपने उद्बोधन में कहा कि साहित्यकारों को राष्ट्र को सार्थक दिशा देनेवाला लेखन करना चाहिए l भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में साहित्यकारों की महत्वपूर्ण भूमिका रही थी l उस दौर के लेखकों ने अपनी लेखनी से आम जनता में राष्ट्रीयता की भावना का संचार किया था l मुंशी प्रेमचंद ने उस वक्त कहा था कि साहित्य राजनीति के आगे चलनेवाली मशाल है l
आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी ने स्पष्ट लिखा है – मुर्दा है वह देश जहां साहित्य नहीं है l इसलिए वर्तमान पीढ़ी के कलमकारों को समाज में उपस्थित चुनौतियों एवं विसंगतियों पर जमकर कलम चलानी चाहिए l सम्मानित हो रहे रचनाकारों ने कहा कि छत्तीसगढ़ के गांँव में उत्कृष्ट साहित्य लिखा जा रहा है l
लेकिन सुविधाओं से वंचित गरीब ग्रामीण रचनाकारों की पहुंँच मंच, प्रकाशन व पुरस्कारों तक नहीं बन पाती l प्रतिभाशाली ग्रामीण रचनाकारों को आगे बढ़ाने वक्ता मंच द्वारा जारी प्रयास स्तुत्य है l इसमें सम्मानित हो रहे रचनाकारों ने हिंदी व छत्तीसगढ़ी भाषाओं में उत्कृष्ट काव्य पाठ कर तालियां बटोरी