नंदीश्वर दीप पर प्रभु की आराधना भाई सुरेश मोदी

रायपुर। दिगम्बर जैन सम्प्रदाय के चल रहे आष्टानीका महापर्व के अंतर्गत कचना स्थित अमलतास कैसल स्थित 1008 श्री मुनि सुब्रत नाथ दिगम्बर जैन मंदिर में विशेष पूजा, अर्चना चल रहीं है, जिसके अंतर्गत प्रतिदिन प्रभु को पाण्डुक शिला पर विराजित कर जलाभिषेक, शांति धारा तत्पश्चात बड़े भक्ति भाव से श्री जी की पूजा सम्पन्न की जा रहीं है I उपरोक्त जानकारी मंदिर के अध्यक्ष हिमांशु जैन ने दी I अष्टनिका पर्व पर विशेष प्रकाश डालते हुए भाई सुरेश मोदी ने बताया कि अभी आष्टानिका महापर्व चल रहा है इस महापर्व पर समस्त जाति के देव नंदीश्वर दीप पर पहुंचकर अनवरत प्रभु की आराधना में लीन रहते हैं नंदीश्वर दीप में चारों दिशाओं में 52 अ कृतिम जिन मंदिर विद्यमान हैं उन सभी मंदिरों में समस्त जाति के चारों दिशाओं में देव पूजा अर्चना करते हैं अष्टांनिका का महापर्व एक ऐसा पर्व है जिस पर सिद्धों की आराधना का विशेष महत्व है यही वह पर्व है जिस पर मैना सुंदरी ने सिद्धों की आराधना कर अपने पति श्रीपाल का कष्ट दूर किया था हम सभी को इन अष्टानिका महापर्व पर जो की वर्ष में तीन बार आती है कार्तिक फागुन आषाढ़ माह के अंतिम आठ दिवस पर इस महापर्व पर समस्त श्रावकों को सम्यक दर्शन की प्राप्ति हो इसे हेतु सिद्ध चक्र महामंडल विधान की आराधना विशेष रूप से करनी चाहिए हम सभी को इस पर्व पर विशेष पूजन आराधना कर अपना यह मानव जीवन सार्थक करना चाहिए जिससे कि आने वाले भव पर हम भी सिद्धों की तरह अपने जन्म मरण को दूर कर सिद्ध शिला पर विराजमान हो सकेनंदीश्वर दीप पूजन की चार लाइन याद आती है कि
*कार्तिक फागुन आषाढ़ के अंत आठ दिन माही* *नंदीश्वर सुर जात है हम पूजे ईह माही*




