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छोटे बच्चों के लिए लीची कब बन सकती है बड़ी मुसीबत, जानिए बच्चों के लिए सेफ्टी से जुड़ी बातें

लीची गर्मियों में सबसे ज्यादा पसंद किए जाने वाले फल में से एक है। इसका स्वाद बड़ों से लेकर बच्चों तक को खूब पसंद आता है। डाइट एक्सपर्ट्स के अनुसार, पोषक तत्वों से भरपूर लीची का सेवन करने से सेहत को ढेरों फायदे होते है। इसके सेवन से इम्यूनिटी मजबूत होती है और बॉडी हेल्दी रहती है।

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ये रसीला फल संक्रमण से बचाव करता है और बॉडी को हेल्दी रखता है। पोटैशियम और एंटीऑक्सीडेंट्स गुणों से भरपूर लीची ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करती है और दिल के रोगों से भी बचाव करती है।

हालांकि, बात स्वाद से अलग अगर सेहत की करें, तो बता दें कि बच्चों के लिए लीची का सेवन पूरी तरह से सेफ नहीं है। डॉक्टर बताते हैं, बच्चों को लीची खिलाने से पहले कुछ बातों को ध्यान में रखना बेहद जरूरी है। आइए जानते हैं बच्चों को लीची खिलाने से पहले किन बातों को ध्यान में रखना बेहद जरूरी है।

बच्चों को लीची खिलाने से पहले इन बातों को रखें ध्यान

  • सुबह उठते ही या भूख लगने बच्चों को लीची देने से बचना चाहिए।
  • कच्ची या अधपकी लीची में विषैले तत्व पाए जाते हैं, ये बच्चों को नहीं देनी चाहिए।
  • बच्चों को एक बार में अत्यधिक मात्रा में लीची न दें। एक बार में 3–5 लीचियां ही दें।
  • लीची खाने के बाद बच्चे को शारीरिक कमजोरी, उल्टी और बेहोशी के लक्षण नजर आए तो इस स्थिति में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

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क्या कहते हैं एक्सपर्ट

डाइट एक्सपर्ट्स बताते हैं, लीची में हाइपो ग्लाइसिन ए और मेथिलीन साइक्लोप्रोपाइल ग्लाइसिन (MCPG) जैसे यौगिक होते हैं, जो बच्चों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं। ये कंपाउंड बच्चों में रक्त शर्करा यानी शुगर लेवल को बहुत कम कर सकते हैं, जिससे बच्चे सुस्त हो सकते हैं, बच्चों को कमजोरी या उल्टी की शिकायत हो सकती है, वे बेहोश हो सकते हैं और गंभीर मामलों में अस्पताल जाने तक की नौबत भी आ सकती है। खासकर जिन बच्चों का वजन कम होता है, उनमें ये परेशानी ज्यादा देखने को मिलती है।

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